Lucknow : लखनऊ मेट्रो इन दिनों 194.85 करोड़ रुपए के घाटे में चल रही है। इस घाटे में बैंक किस्त, ब्याज और टोकन की कमाई शामिल है। इसकी वजह आय कम और खर्च अधिक होना बताया गया है। वहीं, हालत इतने ज्यादा खराब हैं कि लखनऊ मेट्रो निर्माण लागत 3,500 करोड़ रुपए कर्ज की किस्त तक नही भर पा रही है। इसके चलते लखनऊ मेट्रो प्रशासन ने उत्तर प्रदेश शासन से मदद मांगी है। लखनऊ मेट्रो ने सरकार से वित्तीय बजट में राशि के प्रावधान का अनुरोध किया है। बता दें कि लखनऊ मेट्रो के संचालन को 5 साल हो चुके हैं। इसके बावजूद प्रतिदिन सिर्फ 70 से 75 हजार यात्री सफर कर रहें हैं। जबकि मेट्रो को इससे दोगुने यात्रियों के लिए बनाया गया है।
7 महीने बंद रही मेट्रो
लखनऊ मेट्रो ने इससे निजात पाने के लिए यूपी सरकार से गुहार लगाई है कि वो बजट में घाटे की भरपाई के लिए प्रस्ताव रखा जाए। जिससे मेट्रो को रकम मिल सके और लटका हुआ कर्ज चुकाया जा सके। बता दें कि हाल के समय में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी मेट्रो के इस प्रस्ताव को रखा गया था। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (UPMRC) की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुष्पा बेलानी ने बताया कि लखनऊ मेट्रो सात महीने कोरोना संक्रमण की वजह से बंद रही। संचालन बंद होने से इसकी भी प्रभावित हुई है।
मेट्रों के खर्च को कम करने की तैयारी
पुष्पा ने बताया कि राजधानी में सड़को पर भार कम करने और लोगों के अच्छे के लिए मेट्रो का निर्माण किया गया था। लखनऊ मेट्रो का एक उद्देश्य ये भी था कि वो ऑटो और टेम्पो का व्यवहारिक विकल्प बने, लेकिन आज भी शहर के 80 प्रतिशत लोग ऑटो टेम्पो और निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुष्पा ने बताया कि इस घाटे को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वहीं, लखनऊ मेट्रों के खर्च को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा कमाई को कैसे बढ़ाया जाए इसपर भी काम किया जा रहा।