एडमिशन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 3 गिरफ्तार, ऐसे बनाते थे शिकार

Lucknow News: एडमिशन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 3 गिरफ्तार, ऐसे बनाते थे शिकार

एडमिशन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 3 गिरफ्तार, ऐसे बनाते थे शिकार

Tricity Today | पुलिस की गिरफ्त में बदमाश

यूपी एसटीएफ की साइबर टीम व लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की संयुक्त टीम ने शनिवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए एडमिशन के नाम पर ठगी करने वाले ठगों को गिरफ्तार किया है। राजधानी लखनऊ के गोमती नगर थाना क्षेत्र के विजयंत खंड में रईस ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड नाम से ऑफिस खोलकर एमबीबीएस व मेडिकल में एडमिशन दिलाने के नाम पर छात्रों से करोड़ों रुपए की ठगी की गई थी। इसमें गिरोह का सरगना सौरभ गुप्ता समेत डॉ अजिताफ मिश्रा और विकास सोनी को अरेस्ट गिरफ्तार किया है।

पहले करते थे ठगी फिर देते थे धमकी
यूपीएसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार ये लोग रईस ग्रुप प्रा.लि. नाम से गोमती नगर के विजयंत खंड में ऑफिस खोलकर मेडिकल स्टाफ के जरिये इच्छुक छात्रों को प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में एडमिशन दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की डिमांड करते थे। उसके बाद एडमिशन न होने के विरोध पर परिजनों को धमकाते थे। जिससे वह पुलिस में शिकायत न कर सकें।

NEET के परीक्षार्थियों को बनाते थे निशाना
पुलिस की पूछताछ में आरोपी सौरभ गुप्ता ने बताया कि 2014 में बीटेक करने के बाद कुछ दिनों तक इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने के बाद 2016 में रईस ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लखनऊ में कार्यालय खोला। इसमें नीट के परीक्षार्थियों का डाटा निकाल कर उन्हें कॉल करके अपने ऑफिस बुलाकर एडमिशन कराने के नाम पर परिजनों से धोखा करके लोन एग्रीमेंट साइन कराकर उनसे सर्विस चार्ज के नाम पर 5-6 लाख रुपये लेता था। उसके बाद धीरे-धीरे भरोसा दिला कर लाखों रुपए और ऐंठ लेता था। 

कई राज्यों में फैला है जाल
बता दें कि इस गिरोह का जाल भारत के दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में फैला हुआ है। आरोपियों से पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।

बरामद हुआ सामान
इनके ऑफिस से 3 लैपटॉप, 30 मोबाइल फोन, दो हार्ड डिस्क, 1 डाटा फोटॉन डोंगल, 1 रुपये गिनने की मशीन,1 कम्प्यूटर-प्रिंटर,5 पेन ड्राइव, 25 डायरी, 13 एटीएम कार्ड, 16 चेक बुक, 5 पैन कार्ड, 1 पासपोर्ट, 2 आधार कार्ड, 1 मीडिया पहचान पत्र, 8 मोहर, 5 पास बुक, 3 बिलबुक, 9 चेक भरी हुई, 26 स्टाम्प पेपर, 75 शैक्षिक दस्तावेजो की प्रतियां, 32 सीवी डेटा ऑफर अपॉइंटमेंट फाइल, 3 पेज फीस चार्ट, 7 सिम कार्ड, 26 लाख छात्रों का अनाधिकृत डेटा, 19700 रुपये नगद और 2 एसयूवी कार बरामद हुआ है।

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