लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी में खरीदे गए स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद परोख्त में घोटाला करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करनी शुरू कर दी है। गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश देते हुए लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर शालीन कुमार को हटा दिया है। उन पर कोरोना काल में सामान खरीद में घोटाले के आरोप लगे थे। बता दें कि डॉक्टर शालीन की जगह संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमन को कैंसर इंस्टीट्यूट का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।
चार साल तक बने रहे निदेशक
डॉ शालीन कुमार को मार्च 2018 को कैंसर इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल का निदेशक बनाया गया था। इससे पहले वह एसजीपीजीआई, लखनऊ में रेडियोथेरेपी के विभागाध्यक्ष थे। प्रदेश सरकार ने उनकी तैनाती के आदेश जारी करते हुए कहा था कि वह पांच वर्ष तक अथवा 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक इस पद पर रहेंगे।
इन जिलों में सामने आई थी धांधली
जानकारी के मुताबिक, प्रतापगढ़ में 2,700 रुपये के चाइनीज थर्मल स्कैनर और ऑक्सिमीटर को 12,500 रुपये में खरीद कर 1,255 ग्राम पंचायतों से बिल का भुगतान करने को कहा गया। वहीं, 100 से ज्यादा पंचायतों ने भुगतान भी कर दिया है। चंदौली में पंचायती राज विभाग ने 734 ग्राम सभाओं और 65 नगर निकाय वार्डों के लिए 1,598 थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सिमीटर दोगुना से ज्यादा दाम पर खरीदे। वहीं, पीलीभीत में बिना टेंडर प्रक्रिया के एक ही कंपनी से 47.21 लाख रुपये से अधिक की खरीद कर 720 ग्राम पंचायतों को बिल भेज दिए गए।