Lucknow News : उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी रेरा) ने रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्राधिकरण ने सभी पंजीकृत रियल एस्टेट परियोजनाओं को विशिष्ट क्यूआर कोड आवंटित किए हैं और प्रोमोटरों को इन कोड को अपने सभी विज्ञापनों और प्रचार सामग्री में प्रकाशित करने का निर्देश दिया है। यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया, "हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना और रियल एस्टेट क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता लाना है। इस नए कदम से घर खरीदार किसी भी परियोजना की सटीक जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।"
यूपी रेरा ने लिया यह फैसला
यूपी रेरा ने 948 पंजीकृत परियोजनाओं को क्यूआर कोड आवंटित किए हैं।
प्रोमोटरों को अपने सभी विज्ञापनों, ब्रोशर, और प्रचार सामग्री में इन क्यूआर कोड को प्रकाशित करना होगा।
विज्ञापनों में क्यूआर कोड के अलावा, रेरा पंजीकरण संख्या और यूपी रेरा की वेबसाइट का लिंक भी देना अनिवार्य होगा।
उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन से क्यूआर कोड को स्कैन करके परियोजना की सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे।
खरीदारों को क्या लाभ होगा
इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को कई लाभ होंगे। वे परियोजना के भू-अभिलेख, स्वीकृत ले-आउट और मानचित्र, परियोजना की विशेषताएं, निर्माण की प्रगति, और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकेंगे। यह सुविधा उन्हें विवेकपूर्ण निर्णय लेने में मदद करेगी। भूसरेड्डी ने आगे कहा, "हमने देखा है कि प्रोमोटर अपनी परियोजनाओं का व्यापक प्रचार करते हैं, लेकिन उपभोक्ताओं के पास इन दावों को सत्यापित करने का कोई सरल माध्यम नहीं था। अब, क्यूआर कोड के माध्यम से, कोई भी व्यक्ति विज्ञापनों में दी गई जानकारी की सत्यता की जांच कर सकता है।"
धोखाधड़ी पर पाबन्दी लगेगी
यह कदम न केवल उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेगा, बल्कि प्रोमोटरों को भी अपने दावों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाएगा। यह उम्मीद की जा रही है कि इस पहल से रियल एस्टेट क्षेत्र में विश्वास बढ़ेगा और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट बाजार को और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने में मदद करेगा। उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस पहल का स्वागत किया है, जिससे घर खरीदारों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
पालन न करने वालों पर एक्शन
यूपी रेरा ने सभी प्रोमोटरों को इस नए नियम का पालन करने का निर्देश दिया है और कहा है कि अनुपालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण जल्द ही इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा। यह पहल उत्तर प्रदेश को देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बना सकती है, जो रियल एस्टेट क्षेत्र में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नवाचार व्यवहार में कैसे काम करता है और क्या यह वास्तव में उपभोक्ताओं के अनुभव में सुधार लाता है।