सीतापुर जेल में आजम खान से मिलने पहुंचे शिवपाल सिंह यादव, राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज

Uttar Pradesh : सीतापुर जेल में आजम खान से मिलने पहुंचे शिवपाल सिंह यादव, राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज

सीतापुर जेल में आजम खान से मिलने पहुंचे शिवपाल सिंह यादव, राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज

Tricity Today | शिवपाल यादव और आजम खान

Lucknow : उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल में दो साल से बंद सपा विधायक आजम खान से मिलने के लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव शुक्रवार को जेल पहुंचे हैं। सुबह करीब 10 बजे उनका काफिला कारागार परिसर में पहुंचा। गाड़ी से उतरकर वह सीधे आजम से मिलने चले गए। आजम खान से शिवपाल मुलाकात कर रहे हैं। और उनसे राज-काज की बातें जान रहे हैं। यह मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है जब आजम खान खेमे से अखिलेश यादव के खिलाफ नाराजगी के सुर उठ रहे हैं तो शिवपाल यादव पहले से ही अखिलेश के खिलाफ बागी रुख अख्तियार कर रखे हैं। 

जेल में आजम खान का हो रहा उत्पीड़न -शिवपाल
माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर भी बातचीत हो रही है। बीते गुरुवार को शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि आजम खान से जेल मिलने जाएंगे, क्योंकि बीजेपी सरकार में उनका उत्पीड़न हो रहा है और उन पर झूठे केस लादे जा रहे हैं। हालांकि, बीजेपी को लेकर अभी भी शिवपाल यादव का सॉफ्ट कॉर्नर दिखाई दे रहा है, लेकिन आजम खान हर हाल में वह समाजवादी पार्टी का पीड़ित दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

अखिलेश को दिक्कत हो तो पार्टी से निकाल दें-शिवपाल
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीते दिनों से कहा कि मेरे भाजपा से संपर्क हैं। अगर उनको लगता है कि भाजपा से मेरे संपर्क हैं तो मुझे विधानमंडल दल से निकाल क्यों नहीं देते हैं। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी के 111 विधायकों में से एक हूं। उनको तो मुझे समाजवादी पार्टी से निकालने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि अगर उनको हमसे कोई भी दिक्कत है तो हमको पार्टी से बाहर कर दें।

फरवरी 2020 से जेल में बंद हैं आजम
आजम खान फरवरी 2020 से ही सीतापुर जेल में बंद हैं। उन पर रामपुर में अवैध जमीन कब्जाने और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने जैसे कई आरोप लगे हैं। आजम की पत्नी डॉ. तंजीम फातिमा भी जेल में बंद थीं, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई थी। आजम के खिलाफ भैंस और बकरी चोरी से लेकर जमीन पर कब्जा करने तक के कुल 87 मामले दर्ज हैं। साल 2017 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद 2 सालों के भीतर उनके खिलाफ 84 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 81 मामले साल 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले और उसके ठीक बाद के दौरान दर्ज किए गए थे। अभी हाल ही में जमीन कब्जाने के एक मामले से हाईकोर्ट ने उन्हें राहत दी थी।

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