मंगलवार को पुलिस अभ्यर्थियों का जत्था एक बार फिर लखनऊ की सड़कों पर पहुंचा। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने बापू भवन पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। अभ्यथियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि 2016 भर्ती के उप निरीक्षक ट्रेनिंग करने के बाद भी हम लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं। एक साल की ट्रेनिंग करने के बाद भी कोर्ट का फर्जी आदेश बता कर हम लोगों को घर भेज दिया गया है। बता दें कि 2486 दरोगा भर्ती की ट्रेनिंग कराने के बाद भी नियुक्ति नहीं हुई है।
सरकार से अनुरोध हमारी भर्ती की जाए
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश उपनिरीक्षक 2016 भर्ती से हैं। मैं 1 साल मुरादाबाद में पुलिस लाइन में ट्रेनिंग की। उसके बाद कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं था। जो हम लोगों को घर भेजा जाए, लेकिन भर्ती बोर्ड के आदेश के अनुसार हम पिछले 13 महीने से घर में बैठे हुए हैं। हमारा ऑर्डर रिजर्व हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय में 6 महीना हो गए हैं। ट्रेनिंग करे हुए दो भाइयों की पिछले 13 महीने में मृत्यु हो गई। लेकिन सरकार अभी तक कोई संज्ञान नहीं ले रही है। सरकार से हम यही अनुरोध करते हैं कि जल्दी से जल्दी उप निरीक्षक की नियुक्ति दी जाए।
यह था मामला
जब भर्ती का नोटिफिकेशन निकला था तब नॉर्मलाइजेशन का जिक्र कहीं नहीं था। इम्तिहान के कुछ दिन पहले भर्ती बोर्ड ने इसका नोटिफिकेशन जारी किया। उसमें भी यह साफ नहीं था कि नॉर्मलाइजेशन हर स्टेप पर होगा या पूरे परीक्षा परिणाम पर। रिजल्ट आने पर 400 से ज्यादा लोगों को नॉर्मलाइजेशन की वजह से ज्यादा अंक मिले। कई के अंक प्राप्तांक से घट गए। इसी को लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा है। अभ्यर्थियों ने इस मामले में शासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि कई अवसरों पर वकील सुनवाई में उपस्थित ही नहीं हुए। अगर ऐसा न होता तो यह मामला जल्द निपट जाता।
भर्ती के चक्कर मे कई ने छोड़ी नौकरी
सपा सरकार में वर्ष 2016 में 3,307 पदों पर यूपी में दरोगा भर्ती निकली थी। इन पदों के लिए लाखों अभ्यर्थियों ने फार्म भरा था। जुलाई 2017 में परीक्षा होनी थी, लेकिन पेपर आउट होने की वजह से परीक्षा कैंसिल हो गई। दिसंबर 2017 में परीक्षा हुई, लेकिन, परिणाम आते ही बोर्ड के मूल्यांकन के खिलाफ कुछ अभ्यर्थी हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चयनित 2,486 अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग जून 2019 से जून 2020 तक चली, लेकिन अब तक जॉइनिंग नहीं मिली है। परीक्षा पास करने वाले इन 2486 दरोगाओं में से 800 ऐसे हैं, जो अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर आये थे। लिहाजा, अधर में लटकी ज्वाइनिंग से परेशान युवा अवसाद में हैं।