Tricity Today | उग्रवादियों को ढेर करने वाले शहीद विवेक का परिवार लगा रहा गुहार
लखनऊ : यूपी की राजधानी में शहीद विवेक सक्सेना का परिवार अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर गुरुवार को अपने ही बेटे के स्मारक स्थल पर धरने पर बैठ गया है। करीब 18 साल से शहीद का परिवार अपना हक मांग रहा है। जानकारी के मुताबिक 8 जनवरी 2003 को सैकडों उग्रवादियों से मोर्चा लेते हुए विवेक शहीद हो गए थे। जिसके बाद सरकार ने एकमुश्त राशि और भूमि आवंटन का ऐलान किया था लेकिन वो उनके परिवार को आजतक नहीं मिला।
अधिकारियों से कई बार लगाई गुहार
दरअसल यूपी सरकार ने ग्राम सभा में भूमि का आवंटन और एकमुश्त राशि समेत अन्य लाभ दिए जाने की घोषणा भी की थी लेकिन सरकार द्वारा घोषित कोई भी लाभ आज तक नहीं दिए गए जबकि बीते 18 वर्षों से तमाम अधिकारियों को इस संबंध में पत्राचार किए कई बार तहसील दिवस में भी गुहार लगाई लेकिन इस ओर आज तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद शासन प्रशासन की अनदेखी के कारण मजबूर होकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
सैकड़ों उग्रवादियों से लिया मोर्चा
विवेक सक्सेना सीमा सुरक्षा बल में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में कार्यरत थे। 8 जनवरी वर्ष 2003 को मणिपुर में जनपद चंदेल के गांव साजिक़ तंपक में सैकड़ों उग्रवादियों से सीधी टक्कर लेते हुए कई उग्रवादियों को मार गिराया और और उग्रवादियों से लड़ते-लड़ते विवेक शहीद हो गए थे। शहीद विवेक सक्सेना की माता सावित्री देवी व भाई रंजीत सक्सेना लगातार तहसील के चक्कर काट रहें हैं कि जो सहायता सरकार से मिली है वह उन्हें मिल जाए लेकिन एक रिपोर्ट में तहसील प्रशासन अधिकारी रिपोर्ट में दर्शाते हैं कि शहीद विवेक सक्सेना व उनका परिवार यहां का निवासी नहीं है।
पिता ने एयर फोर्स में दी थी सेवा
राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र जन्मे शहीद विवेक सक्सेना केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई में उत्तीर्ण होकर सेना को लेकर अपना मुख्य लक्ष्य बनाया क्योंकि शहीद विवेक सक्सेना के पिता रामस्वरूप सक्सेना एयर फोर्स में फ्लाइट लेफ्टिनेंट पद पर रहकर देश के लिए 1965 व 1971 देश के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी। उसके बाद विवेक सक्सेना ने अपनी पढ़ाई पूर्ण करके भारतीय सीमा सुरक्षा बल में अस्सिस्टेंट कमांडेंट के पद पर कार्यरत थे।