लखनऊ : उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) 2021 का पेपर लीक होने के मामले में UPSTF ने कार्रवाई की है। एसटीएफ ने मंगलवार देर रात डॉ संतोष कुमार चौरसिया को लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र के मवैया मेट्रों स्टेशन से दबोचा है। बता दें कि आरोपी मूल रूप से आगरा का रहने वाला है जो दिल्ली के एक नामी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हाशिल की। जानकारी के मुताबिक संतोष चौरसिया पूर्व में भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहा है। जिसके चलते वह कई बार जेल भी जा चुका है। वहीं राहुल मिश्रा से इसकी 20 लाख रुपये में डील हुई थी। आरोपी ने एडवांस के तौर पर राहुल को 3 लाख रुपये भी दिए थे।
एप के जरिए पेपर लीक माफियाओं से करता था बात
बता दें कि आरोपी ने 2003 में सॉल्वर बिठाने और प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने का काम शुरू किया। इसके बाद 2004 में ग्वालियर के 2 लोगो को एमपी पीएमटी में सॉल्वर बिठाकर उन्हें सिलेक्ट कराया था। ऐसी गतिविधियों में व्यापम घोटाले में भी इस पर एफआईआर दर्ज हुई थी। वहीं आरोपी पेपर लीक कराने वाले माफियाओं से संपर्क करने के लिए विशेष एप का उपयोग करता था। इसके बाद उस एप को डिलीट कर देता था। एसटीएफ को आरोपी के बैंक अकाउंट से कुछ सुराग मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है।
फार्म भरते समय हुई थी मुलाकात
एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी संतोष ने बताया कि मध्य प्रदेश के व्यापम केस में विकास दीक्षित के साथ जेल जा चुका है। आरोपी ने यह भी बताया कि उसी के माध्यम से उसकी मुलाकात राहुल मिश्रा व अनुराग शर्मा से हुई जो प्रयागराज और नोएडा में रहते हैं। राहुल मिश्रा पेपर आउट कराने का काम करता है। उसका संबंध जौनपुर के वेदीराम के भाई मनीराम से है। आरोपी ने बताया राहुल मिश्रा से उसकी टीईटी पेपर के संबंध में बात फार्म भरते समय हुई थी। उसी ने बताया था कि ऐसी संस्था को परीक्षा का काम दिया जा रहा है जहां से 100 प्रतिशत पेपर आउट हो जाएगा।