पांच वर्षों में बिजली की मांग दूनी से ज्यादा हुई, औसत गर्मी सात डिग्री ज्यादा

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने दिया जवाब : पांच वर्षों में बिजली की मांग दूनी से ज्यादा हुई, औसत गर्मी सात डिग्री ज्यादा

पांच वर्षों में बिजली की मांग दूनी से ज्यादा हुई, औसत गर्मी सात डिग्री ज्यादा

Tricity Today | उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने दिया जवाब

Lucknow News : एक तरफ भीषण गर्मी पड़ रही है और दूसरी ओर अघोषित बिजली कटौती आम आदमी के लिए आफत बनी हुई है। ऐसे में हर किसी के निशाने पर उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (AK Sharma BJP) आए हुए हैं। पिछले करीब 10 दिनों से विपक्ष ने उन पर हमला बोल रखा है। प्रतिपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesha Yadav) रोजाना बिजली कटौती को आधार बनाकर बयान दे रहे हैं। रोजाना उनके ट्वीट आ रहे हैं। अब मंगलवार की सुबह बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने जवाब दिया है। बिजली मंत्री ने वर्ष 2012 से लेकर अब तक के बिजली खपत से जुड़े आंकड़े पेश किए हैं। जिसमें उन्होंने बताया है कि उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग दोगुनी से ज्यादा बढ़ गई है। दूसरी तरफ गर्मी लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2012 के मुकाबले इस साल अब तक 7 डिग्री सेल्सियस तापमान ज्यादा दर्ज किया गया है।

'तब की अधिकतम मांग से ज्यादा आज की न्यूनतम मांग'
अरविंद कुमार शर्मा की ओर से किए गए ट्वीट में लिखा गया है, "उत्तर प्रदेश में वर्ष 2012 से 2017 के 5 वर्षों में बिजली की औसत मांग 13,598 मेगावाट थी। वर्तमान में यह मांग दूनी  से ज्यादा 27,611 मेगावाट है।" अरविंद कुमार शर्मा ने आगे लिखा है, "उन वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में जितनी अधिकतम मांग थी, उससे ज्यादा तो इस वक्त न्यूनतम मांग है।" ट्वीट में अरविंद कुमार शर्मा ने बिजली महकमे के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से पूरे मनोयोग के साथ काम करने की अपील की है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2012 से 2017 तक समाजवादी पार्टी की सरकार थी। उस सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। अरविंद कुमार शर्मा ने अपने ट्वीट में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी का जिक्र किए बिना पूरा जवाब लिखा है, लेकिन उनका इशारा अखिलेश यादव सरकार के इंतजाम और बिजली आपूर्ति की ओर है।

यूपी में लगातार बढ़ रही है बिजली की खपत
बिजली मंत्री ने बताया है कि वर्ष 2012-13 के दौरान उत्तर प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 12,048 मेगावाट थी और न्यूनतम मांग 5,477 मेगावाट थी। अगले साल 2013-14 में बिजली की अधिकतम मांग 12,327 मेगावाट और न्यूनतम मांग 4,790 मेगावाट रही थी। वर्ष 2017-18 तक यह मांग बढ़ते हुए 18,061 और 6,030 मेगावाट तक पहुंच गई। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 26,589 मेगावाट तक पहुंच चुकी थी। जबकि न्यूनतम मांग 7,033 मेगावाट रही। इस वित्त वर्ष में अब तक बिजली की अधिकतम मांग 27,611 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। जबकि न्यूनतम मांग 18,701 मेगावाट है। 

भीषण गर्मी बिगाड़ रही मांग-आपूर्ति का समीकरण
कुल मिलाकर साफ है कि वर्ष 2012-13 में अधिकतम मांग 12,048 मेगावाट थी और इस साल न्यूनतम मांग 18,701 मेगावाट है। बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने अपने ट्वीट में लगातार बढ़ रहे औसत तापमान का भी जिक्र किया है। उनकी ओर से बताया गया है कि वर्ष 2012-13 की गर्मियों में औसत तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा था। जबकि वर्ष 2017-18 में भी औसत तापमान 40 डिग्री सेल्सियस ही था। वर्ष 2020-21 से औरसात तापमान लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2020 में गर्मियों के दिनों का औसत तापमान 42 डिग्री सेल्सियस था। वर्ष 2021 में बढ़कर 43 डिग्री सेल्सियस हो गया। पिछले साल यानी 2022 में औसत तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहा। इन गर्मियों के दौरान औसत तापमान 47 डिग्री सेल्सियस है। कुल मिलाकर बिजली मंत्री का कहना है कि एक तरफ बिजली की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है तो दूसरी तरफ गर्मियों के दिनों का औसत तापमान भी 7 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा है।

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