एसआईटी रिपोर्ट के बाद हाथरस कांड में लापरवाह अफसरों को किया सस्पेंड, इन पर भी गिर सकती है गाज  

एक्शन में योगी आदित्यनाथ : एसआईटी रिपोर्ट के बाद हाथरस कांड में लापरवाह अफसरों को किया सस्पेंड, इन पर भी गिर सकती है गाज  

एसआईटी रिपोर्ट के बाद हाथरस कांड में लापरवाह अफसरों को किया सस्पेंड, इन पर भी गिर सकती है गाज  

Tricity Today | Sybmolic Image

Hathras/Lucknow News : हाथरस में भगदड़ की एसआईटी रिपोर्ट सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बड़ा एक्शन लिया है। जांच में कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना गया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का खुलासा किया गया है। इस आधार पर सीएम ने तत्काल प्रभाव से छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

इन पर गिरी गाज
निलंबित किए गए अधिकारियों में उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा और चौकी इन्चार्ज पोरा शामिल हैं। जांच समिति ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की गंभीर लापरवाही का खुलासा किया है। एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज ने अपने दायित्वों का निर्वहन करने में घोर लापरवाही बरती। उप जिला मजिस्ट्रेट ने बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए अनुमति दे दी और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया। इन अधिकारियों ने कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया और न ही वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। 

ये लापरवाही सामने आई
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कई उदाहरण सामने आए हैं। उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को समुचित जानकारी नहीं दी। भारी भीड़ के बावजूद कोई बैरीकेडिंग या पैसेज की व्यवस्था नहीं की गई थी, और सत्संगकर्ता तथा भीड़ को बिना उचित सुरक्षा प्रबंध के मिलने की अनुमति दी गई।

जांच समिति की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु-
1. प्रारंभिक जांच में एसआईटी ने प्रत्यक्षदर्शियों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्यक्रम आयोजकों को हादसे के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है।
2. अब तक की जांच और की गई कार्रवाई के आधार पर जांच समिति ने हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है।
3. जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस और प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही के लिए जिम्मेदार हैं।
4. उप जिला मजिस्ट्रेट सिकंदराराऊ ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किए बिना ही कार्यक्रम की अनुमति दे दी और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित भी नहीं किया।
5. उक्त अधिकारियों ने कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित भी नहीं किया। एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। इसके अनुसार शासन ने उप जिला मजिस्ट्रेट सिकंदराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकंदराराऊ, थानाध्यक्ष सिकंदराराऊ, तहसीलदार सिकंदराराऊ, चौकी इंचार्ज कचौरा और चौकी इंचार्ज पोरा को निलंबित कर दिया है।
6. आयोजकों ने तथ्य छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों ने अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित करके पर्याप्त और सुचारू व्यवस्था नहीं की। न ही स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्यक्रम के लिए दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।
7. आयोजकों ने तथ्य छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों ने अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित करके पर्याप्त और सुचारू व्यवस्था नहीं की। न ही स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्यक्रम के लिए दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।
8. आयोजन समिति से जुड़े लोगों को अराजकता फैलाने का दोषी पाया गया है। बिना उचित पुलिस सत्यापन के उनके द्वारा जोड़े गए लोगों ने अराजकता फैलाई।
9. आयोजन समिति ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करने से रोकने का प्रयास किया गया।
10. सत्संग करने वालों और भीड़ को बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के आपस में मिलने दिया गया। भारी भीड़ को देखते हुए यहां कोई बैरिकेडिंग या मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई और जब दुर्घटना हुई तो आयोजन समिति के सदस्य मौके से भाग गए।

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