Lucknow News : उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश के नए युग की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के नेतृत्व में सोमवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में एफडीआई एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों की निवेश नीति 2023 में महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी गई। यह कदम प्रदेश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नई नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए अब इसे 'फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, फॉरेन कैपिटल इन्वेस्टमेंट एंड फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एंड फॉर्च्यून इंडिया 500 इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023' का नाम दिया गया है। नई नीति का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब केवल इक्विटी आधारित निवेश ही नहीं, बल्कि विभिन्न वित्तीय साधनों से जुटाई गई पूंजी को भी मान्यता दी जाएगी।
10 प्रतिशत इक्विटी के साथ भी निवेश
नई व्यवस्था के तहत, विदेशी कंपनियों को अब सिर्फ 10 प्रतिशत इक्विटी के साथ भी निवेश की अनुमति होगी, जबकि शेष 90 प्रतिशत राशि वे अन्य स्रोतों जैसे लोन, डिबेंचर्स, या अन्य वित्तीय साधनों से जुटा सकती हैं। यह निर्णय विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए वरदान साबित होगा जो अपने व्यवसाय को विस्तार देने के लिए विभिन्न वित्तीय साधनों का उपयोग करती हैं।
न्यूनतम निवेश सीमा 100 करोड़ रुपये निर्धारित
खन्ना ने स्पष्ट किया कि नई नीति में प्रिफरेंश शेयर, डिबेंचर्स, एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग, स्टैंड बाई लैटर ऑफ क्रेडिट, और अन्य ऋण प्रतिभूतियों को भी मान्यता दी गई है। न्यूनतम निवेश सीमा 100 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है, जिसमें कम से कम 10 प्रतिशत इक्विटी के रूप में होना आवश्यक है।
"एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था'
इस नीतिगत बदलाव से उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश का माहौल और अधिक अनुकूल बनने की उम्मीद है। यह कदम न केवल विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेगा, बल्कि प्रदेश में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगा। योगी सरकार का यह निर्णय 'एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।