कंपनी के दावे झूठे, ना निवेश मिला और ना रोजगार, सरकार को लगा करोड़ों का चूना

इंडियन Moto GP से क्या फायदा हुआ? कंपनी के दावे झूठे, ना निवेश मिला और ना रोजगार, सरकार को लगा करोड़ों का चूना

कंपनी के दावे झूठे, ना निवेश मिला और ना रोजगार, सरकार को लगा करोड़ों का चूना

Tricity Today | Symbolic Image

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (Buddha International Circuit) पर पिछले साल पहली भारतीय मोटो जीपी (Indian Moto GP) का आयोजन किया गया। आयोजक कंपनी ने सरकार को बताया था कि यह आयोजन विदेशी निवेश आकर्षित करेगा। युवाओं को रोजगार मिलेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने आयोजन कर्ताओं को 18 करोड़ रुपये दिए। तमाम तरह की रियायतें भी दीं। अब कंपनी के दावों पर सवाल उठ रहे हैं। दूसरी तरफ कंपनी फिर से आयोजन करवाने की तैयारी में जुटी है। अब इस पूरे मामले में जांच करवाने की मांग जेवर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक धीरेंद्र सिंह (Jewar MLA Dhirendra Singh) ने की है। विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।

क्या है पूरा मामला
बीते साल बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर हुई बाइक रेसिंग के मामले में बड़ी गड़बड़ी निकलकर सामने आई है। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पत्र लिखा है। विधायक धीरेन्द्र सिंह का कहना है, “बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर मोटो जीपी बाइक रेस में जिन लोगों ने अपनी सेवाएं दी हैं, उन लोगों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। मोटो जीपी बाइक रेसिंग करवाने वाली कंपनी के सीईओ पुरस्कर नाथ श्रीवास्तव कार्यकारी अधिकारी ने ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से लोगों के उपकरण में रख लिए हैं। पेमेंट भी नहीं किया है।”

काम करने वाले भुगतान के लिए परेशान
जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने 12 मार्च 2024 को यमुना प्राधिकरण के सीईओ को लिखे पत्र में कहा है कि अब 24 सितंबर 2023 को बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर मोटो जीपी रेसिंग बाइक हुई थी। जिसमें संभल जिले के गुन्नौर निवासी योगेंद्र यादव पुत्र वीर सिंह ने मोटो जीपी रेसिंग बाइक से पहले काम किया था, लेकिन उसका पेमेंट अभी तक नहीं किया गया है। इनका सामान गैर कानूनी तरीके से अपने पास रख लिया है। इस दौरान लाए गए उपकरण को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। जिससे वह ठगा सा महसूस कर रहा है। वह मानसिक क्षति झेल रहा है। नोएडा के सेक्टर-34 में रहने वाले विवेक कुमार सिंह और देवेंद्र सिंह का कहना है कि मोटो जीपी बाइक के दौरान उन्होंने आरसीसी की डायमंड कटिंग का कार्य किया था। अपनी पूरी क्षमता के अनुसार काम किया, लेकिन उपकरण अभी तक नहीं दिया गया है। आरोप लगाया है कि पुष्कर नाथ श्रीवास्तव फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स कंपनी के सीईओ हैं। गैर कानूनी तरीके से सामान रख लिया है। अनेकों बार मोबाइल पर बात की। व्यक्तिगत रूप से ऑफिस जाकर निवेदन किया। उपकरणों को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। जिससे आर्थिक और मानसिक क्षति झेलनी पड़ रही है।

कंपनी ने कहा- शासन से पैसा नहीं मिला
इनके अलावा रविंद्र चौधरी (निवासी खाटूश्याम एक्सटेंशन गली नंबर दो मकान नंबर सात गौतमबुद्ध नगर) ने भी विधायक को पत्र सौंपा है। उन्होंने कहा है कि बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर मोटो जीपी बाइक रेसिंग के दौरान सर्किट में थर्मेक्स का कार्य किया था। मशीनों को अभी तक वापस नहीं किया गया है। गैर कानूनी तरीके लाखों रुपये का सामान रख लिया है। इसी तरह मेरठ के निवासी रॉयल सिंह ने बताया कि मोटो जीपी बाइक रेसिंग के दौरान काम किया है। अब तक छह करोड़ रुपये और जीएसटी बकाया है। कंपनी पेमेंट नहीं कर रही है और मशीनरी भी अपने कैंपस में ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से रखे हुए है। जब पैसा मांगा गया तो पुष्कर नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि उक्त कार्य का शासन से भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। भुगतान आने पर रकम का भुगतान किया जाएगा। जिस कारण प्रार्थी को मानसिक और आर्थिक क्षति हो रही है।

क्या है मोटो जीपी की हकीकत
फेयर स्पोर्ट्स स्ट्रीट प्राइवेट लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर पुष्कर नाथ श्रीवास्तव ने दावा किया था कि इस आयोजन से ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 250 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। राज्य के औद्योगिक और टूरिज़्म सेक्टर में बड़ा फ़ायदा मिलेगा। इसी आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार से कंपनी ने आयोजन में हिस्सेदार बनने की मांग की। इसी आधार पर औद्योगिक विकास विभाग ने यमुना अथॉरिटी से 18 करोड़ रुपये लेकर कंपनी को दिए थे। कंपनी के सारे दावे झूठे निकले हैं।

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