कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश को तबाह किया है। दो लाख से ज्यादा लोगों की जान सिर्फ दूसरी लहर के दौरान जा चुकी है। जबकि दूसरी वेव में 724 डॉक्टर कोविड मरीजों के इलाज के दौरान अपनी जान गंवाई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) की तरफ से यह जानकारी दी गई है। साथ ही एसोसिएशन ने राज्य और केंद्र सरकारों से फ्रंटलाइन वर्कर्स और डॉक्टर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जेए जयलाल ने थोड़ी देर पहले मीडिया से बात की। इसमें उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में 724 डॉक्टर ने ड्यूटी के दौरान कोविड मरीजों का उपचार करते हुए संक्रमित हुए। बाद में उनकी जान चली गई। इसके अलावा कई जगहों पर ऐसी घटनाएं भी सामने आई हैं, जहां कोरोना वार्ड में काम कर रहे डॉक्टरों के साथ मारपीट की गई। जिसमें उनको गंभीर चोटे आईं। फ्रैक्चर हुए। इन सब से स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों का उत्साह कम होता है। साथ ही कोविड वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई की धार कुंद होती है।
संगठन ने कहा है कि, महामारी अधिनियम के अंतर्गत इस आपदाकाल में फ्रंटलाइन कोविड वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। हम सरकार से आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के साथ एक केंद्रीय सुरक्षा कानून लाने की मांग करते हैं। सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में सुरक्षा-व्यवस्था होना अनिवार्य हो। ताकि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को बचाया जा सके।