उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा, कई मजदूर बहे,  यूपी में भी हाई एलर्ट

BIG BREAKING: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा, कई मजदूर बहे, यूपी में भी हाई एलर्ट

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा, कई मजदूर बहे,  यूपी में भी हाई एलर्ट

Google Image | चमोली में भारी क्षति हुई है

उत्तराखंड के चमोली जिले में कुदरत का भारी कहर बरपा है। जिले में रैणा गांव के पास सुुबह करीब 10ः30 बजे ग्लेशियर टूटने से भारी क्षति हुई है। हर तरफ सिर्फ मलबा दिखाई दे रहा है। ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को भी भारी क्षति हुई है। हरिद्वार, ऋषिकेश और श्रीनगर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। चमोली जिले के निचले इलाकों को खाली करा दिया गया है और चमोली से हरिद्वार तक नदी किनारे स्थित गांव और शहरों को तुरंत प्रभाव से खाली करने के लिए कहा गया है। आईटीबीपी के 200 जवान और एसडीआरएफ की 10 टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। 

हालत ये है कि जोशीमठ में नदी में सिर्फ मलबा दिखाई दे रहा है। चमोली से जोशीमठ तक सैकड़ों गांव से संपर्क टूट गया है। सबसे ज्यादा नुकसान ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को हुआ है। एक अधिकारी के मुताबिक वहां काम करने वाले मजदूर फिलहाल गायब है। आशंका जताई जा रही है कि सभी मजदूर मलबे के सैलाब में बह गए हैं। आसपास के गावों से भी कुछ लोगों के लापता होने की खबरें आई हैं। पावर प्रोजेक्ट पर काम करने वालों में से किसा का पता नहीं चल रहा है। उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे से दूर जाने के लिए कहा है।

हादसे में करीब 150 लोगों के लापता होने की सूचना है। यह सभी लोग ऋषि गंगा पॉवर प्रोजेक्ट पर काम में लगे थे। ऋषिगंगा घाटी में हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वे गंगा नदी के किनारे पर न जाएं।

इस प्राकृतिक आपदा पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और चमोली की जिलाधिकारी से पूरी जानकारी ली है। मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और सभी संबंधित जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से आई बाढ़ के कारण धौलगंगा घाटी और अलकनन्दा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है. जिससे ऋषि गंगा और धौली गंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के आसपास भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, धौली गंगा के किनारे बाढ़ के वेग के कारण जबरदस्त भूकटाव हो रहा है। तपोवन स्थित डैम मलबे के तेज बहाव में बह गए हैं। 

अलकनंदा नदी में जल का बहाव रोका गया
मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए तेजी से आपदा और राहत-बचाव कार्य पूरा करने के लिए कहा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है। ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान ना दें । सरकार सभी ज़रूरी कदम उठा रही है। एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। मेरी आपसे विनती है अफवाहें न फैलाएं। सरकारी प्रमाणिक सूचनाओं पर ही ध्यान दें। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं। चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है।“

यह नंबर डायल करें
मुख्यमंत्री रावत स्वयं चमोली के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने लोगों से संयम और धैर्य से काम लेने की अपील की। साथ ही किसी तरह की अफवाहों से बचने के लिए कहा। उन्होंने आगे लिखा, “मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूँ - मेरी सभी से विनती है कि कृपया कोई भी पुराने video share कर panic ना फैलाएँ। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं। आप सभी धैर्य बनाए रखें। अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। इसके अलावा आपदा में फंसे लोग 1905 पर भी संपर्क कर सकते हैं। प्रशासन मदद के लिए एलर्ट है।”

यूपी में गंगा किनारे के सभी जिलों में हाई एलर्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हादसे पर दुख जताया है। साथ ही गंगा नदी के किनारे बसे प्रदेश के सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उत्तराखंड में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने का सीधा प्रभाव यूपी में गंगा किनारे बसे गांवों पर भी पड़ेगा। इसीलिए सभी जिला प्रशासन को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। एसडीआरएफ और जवानों को राहत-बचाव कार्यों के लिए पूरी तरह तैयार रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड सरकार को भी हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने किया कॉल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत रावत से फोन पर बात कर घटना के बारे में जानकारी ली है। दोनों ने राज्य सरकार को राहत बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए कहा है। साथ ही केंद्र से हर तरह की मदद का भरोसा दिया है। केंद्र सरकार घटना पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है। आपदा से निपटने के लिए सभी महकमों को एलर्ट पर रखा गया है। केंद्रीय गृह सचिव लगातार उत्तराखंड सरकार से संपर्क साधे हुए हैं। हर पल की खबर ली जा रही है।

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