Social Media | दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर को भेजा नोटिस
बड़ी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंपनी ट्विटर और भारत सरकार के बीच शुरू हुआ विवाद अब अदालत तक पहुंच गया है। अब से थोड़ी देर पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान ट्विटर इंडिया को एक नोटिस जारी किया है। इसमें कोर्ट ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बताए कि आखिर उसे भारत सरकार के डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियमवाली 2021 की शर्तों का पालन करने में परेशानी क्यों हो रही है। दरअसल इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर हुई थी।
इसमें कहा गया था कि ट्विटक जानबूझकर भारत सरकार के सूचना मंत्रालय द्वारा जारी सोशल मीडिया आचार संहिता नियमावली 2021 की शर्तों का पालन करने में आनाकानी कर रहा है। इसका जवाब देते हुए टि्वटर इंडिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखा। सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि भारत सरकार के नए नियमावली के मुताबिक संस्थान ने 28 मई को ही रेसिडेंट ग्रीवेंस ऑफीसर की नियुक्ति कर दी है। दरअसल भारत सरकार ने देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नया कोड कंडक्ट गाइडलाइंस जारी किया था।
प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म जैसे कू, शेयरचैट, टेलीग्राम, लिंक्डइन, गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि ने नए नियमों की आवश्यकता के अनुसार मंत्रालय के साथ विवरण साझा भी किए हैं। ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने नई शर्तों के मुताबिक अफसरों की नियुक्ति कर दी थी। लेकिन ट्विटक को इससे परेशानी थी। पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस द्वारा टूलकिट केस दर्ज करने के बाद ट्विटर ने कहा था कि भारत सरकार जानबूझकर देश में बोलने की आजादी का हनन कर रही है। ट्विटर इसमें भारत सरकार के साथ नहीं है।
पिछले हफ्ते ही इस बारे में दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार ने ट्विटर को कड़ा जवाब दिया था। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा था कि ट्विटक अपनी हद में रहे। भारत सरकार देश की सुरक्षा, अखंडता और नागरिकों की रक्षा से जुड़ी नीति बनाने के लिए स्वतंत्र है। उसमें ट्विटर की कोई भूमिका नहीं है। भारत सरकार को ट्विटर के सुझाव की आवश्यकता नहीं है।