भारत सरकार ने ट्विटर को ‘फाइनल नोटिस’ भेजा, कहा- ‘कार्रवाई के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा प्लेटफॉर्म’

बड़ी खबर : भारत सरकार ने ट्विटर को ‘फाइनल नोटिस’ भेजा, कहा- ‘कार्रवाई के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा प्लेटफॉर्म’

भारत सरकार ने ट्विटर को ‘फाइनल नोटिस’ भेजा, कहा- ‘कार्रवाई के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा प्लेटफॉर्म’

Google Image | भारत सरकार ने ट्विटर को फाइनल नोटिस भेजा

भारत सरकार ने ट्विटर को इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया नियमावली-2021 के अनुपालन के संबंध में आखिरी नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारत सरकार द्वारा दिए गए समय में संबंधित नियुक्तियां न कर नए निर्देशों का उल्लंघन कर रहा है। भारत में 26 मई से नए डिजिटल और सोशल मीडिया नियमावली लागू हुई है। इसका पालन करना सभी प्लेटफॉर्म के लिए आवश्यक है। लेकिन ट्विटर ने अब तक इन नियमों का अनुपालन नहीं किया है। हालांकि अच्छे रिश्तों की वजह से टि्वटर इंडिया को भारत सरकार की तरफ से आखिरी नोटिस भेजा जा रहा है। 

ट्विटर स्वयं जिम्मेदार होगा
अगर इसके बावजूद भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नई नियमावली का पालन करने में असफल रहा, तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट के अनुच्छेद 79 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा ट्विटर पर दूसरे पीनल कोड के मुताबिक भी कार्रवाई हो सकेगी। इसके लिए सिर्फ ट्विटर जिम्मेदार होगा। भारत सरकार के साइबर लॉ के ग्रुप-कोऑर्डिनेटर राकेश माहेश्वरी ने जिम बेकर को यह नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने इससे पहले 26 मई और 28 मई को नई डिजिटल मीडिया नियमावली 2021 के पालन के संबंध में ट्विटर को अवगत कराया था। 

अब तक नहीं हुई हैं नियुक्तियां
बीते 28 मई और 2 जून को हमें प्रतिक्रिया मिली है। लेकिन इससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि प्लेटफॉर्म ने नई नियमावली के मुताबिक नई नियुक्तियां की हैं। अब तक ट्विटर ने भारत सरकार को यह सूचना नहीं दी है कि नए नियमों के मुताबिक संस्थान ने चीफ कंप्लायंस ऑफीसर की नियुक्ति की है। साथ ही रेसिडेंट ग्रीवेंस ऑफीसर और नोडल कांटेक्ट पर्सन भी ट्विटर के कर्मचारी नहीं हैं। जबकि नई नियमावली के मुताबिक इनकी नियुक्ति संस्था अपने पेरोल पर करेगी। लेकिन ट्विटर ने अधिकारियों की नियुक्ति एक भारतीय लॉ फर्म से कराई है। यह नियमों के मुताबिक नहीं है। 

भारत ने स्वागत किया था
सोशल मीडिया से जुड़ी नए नियमावली देश में 26 मई से लागू हो गई है। एक हफ्ता बीत जाने के बावजूद ट्विटर ने अब तक इसके सभी प्रोविजन का पालन नहीं किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की यह हठधर्मी बताती है कि वह भारत के लोगों की सुरक्षा और बोलने की आजादी को लेकर वह संजीदा नहीं है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत ने एक दशक पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर ट्विटर का स्वागत किया था। तब वह दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में था, जहां इस प्लेटफॉर्म की सेवाएं शुरू हुई थी। बावजूद इसके यह प्लेटफॉर्म भारत के लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयासरत नहीं है।

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