Google Image | आईएमए ने योग गुरु बाबा रामदेव को 1000 करोड़ का नोटिस भेजा
योग गुरु बाबा रामदेव और उत्तराखंड आईएमए के बीच शुरू हुआ विवाद अब नए मुकाम पर पहुंच गया है। आईएमए उत्तराखंड ने बाबा रामदेव को 1000 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि नोटिस के मिलने के 15 दिनों के अंदर अगर बाबा रामदेव सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और उन सभी माध्यमों पर वीडियो तथा लिखित में आईएमए से माफी नहीं मांगेंगे, तो उनके खिलाफ इस मानहानि के मुकदमे पर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
आईएमए की तरफ से कहा गया है कि बाबा रामदेव सूचना मिलने के 76 घंटों के अंदर दिव्य श्वासारि कोरोनिल कीट के उस भ्रामक विज्ञापन को भी उन सभी जगहों से हटाए, जहां उन्होंने उसे मिथ्या रूप से कोविड-19 वैक्सीन लगने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट के दुष्प्रभाव से बचाने वाली दवाई बताते हुए प्रचारित और प्रसारित किया है। अगर दिए हुए वक्त में दोनों प्रक्रिया पूरी नहीं होती हैं, तो बाबा रामदेव, उनकी कंपनी तथा साथियों के विरुद्ध आईपीसी की धाराओं में एफआईआर तथा मानहानि की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। इसके खर्चे की पूरी जिम्मेदारी भी रामदेव को देनी होगी।
आईएमए उत्तराखंड के प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना की तरफ से जारी नोटिस में कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बाबा के बयान से आईएमए उत्तराखंड से जुड़े दो हजार सदस्यों की मानहानि हुई है। उन्होंने कहा कि एक सदस्य (डॉक्टर) की 50 लाख की मानहानि के मुताबिक कुल एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा किया जाएगा। नोटिस में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के जरिए ऐलोपैथी डॉक्टरों की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है।
ऐसे में उनके खिलाफ मानहानि के दावे के साथ साथ एफआईआर भी कराई जाएगी। डॉ खन्ना ने कहा है कि बाबा ने भ्रामक विज्ञापन के जरिए कोरोनिल को कोरोना संक्रमण के विरुद्ध प्रभावी दवाई व कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभावों से बचाने वाली दवाई बताया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी बाबा के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।