रविवार को बहनें भाइयों की कलाई में बांधेंगी राखी, इस बार बनेगा महासंयोग

रक्षाबंधन: रविवार को बहनें भाइयों की कलाई में बांधेंगी राखी, इस बार बनेगा महासंयोग

रविवार को बहनें भाइयों की कलाई में बांधेंगी राखी, इस बार बनेगा महासंयोग

Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर

Noida: रविवार, 22 अगस्त को हिंदुओं का महत्वपूर्ण रक्षाबंधन का त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण महीने की पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार बहुत ही शुभ योग और भद्रारहित काल में है। ऐसी मान्यता है कि अच्छे मुहूर्त अथवा भद्रारहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त होती है। इस बार राखी के त्योहार पर वर्षों बाद एक महासंयोग बनेगा।

पंडित सागर शर्मा के अनुसार राखी बांधते समय भद्राकाल का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि भद्राकाल में राखी बांधने पर अशुभ परिणाम की प्राप्ति होती है। हालांकि इस वर्ष राखी भद्रा रहित होगी यानी इस बार राखी का त्योहार पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। इस कारण से पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है।

रक्षासूत्र बांधने एवं बंधवाने के शुभ मुहूर्त - 

रक्षाबंधन पर्व पर श्रवण कुमार का पूजन करने के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त-

अपराह्न मुहूर्त -
दोपहर 12.03 बजे से 12.27 बजे तक (अभिजीत+अमृत चौघड़िया)

इस वर्ष पूरे दिन भद्रा नहीं होने से शुभ समय में रक्षासूत्र बांधने एवं बंधवाने के शुभ मुहूर्त-
प्रातः 07.42 बजे से 09.17 बजे तक (चर)
प्रातः 09.18 बजे से 10.52 बजे तक (लाभ)
प्रातः 10.53 बजे से दोपहर 12.27 बजे तक (अमृत)
दोपहर 02.02 बजे से 03.37 बजे तक (शुभ)
सांयः 06.47 बजे से रात्रि 08.12 बजे तक (शुभ)
रात्रि 08.13 बजे से 09.37 बजे तक (अमृत)

रक्षासूत्र बंधन मंत्र-
राखी बांधते समय बहनें निम्न मंत्र का उच्चारण करें। इससे भाइयों की आयुष्य में वृद्धि होती है – 

येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। 
तेन त्वामभिबध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।।

राखी बांधते समय इस मंत्र का उच्चारण करना विशेष शुभ माना जाता है। इस मंत्र में कहा गया है कि जिस रक्षा डोर से महान शक्तिशाली दानवेंद्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षाबंधन के पवित्र सूत्र को मैं तुम्हें बांधती हूं। यह डोर तुम्हारी रक्षा करेगी।

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