महीने में 10 बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आने वाले शक के दायरे में, सीईओ ने जांच बैठाई, जानिए वजह

महीने में 10 बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आने वाले शक के दायरे में, सीईओ ने जांच बैठाई, जानिए वजह

महीने में 10 बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आने वाले शक के दायरे में, सीईओ ने जांच बैठाई, जानिए वजह

Tricity Today | सीईओ नरेंद्र भूषण

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के कार्यालय में हर महीने 5 से 10 बार चक्कर लगाने वालों के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है। ऐसे लोग शक के दायरे में आ गए हैं। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इन लोगों की जांच करने का आदेश दिया है। ऐसे लोग दलाली करने के शक के दायरे में आ गए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिछले एक माह में प्रवेश के लिए जारी किए गए पास निकलवाए जा रहे हैं। इनकी जांच की जा रही है कि आखिर लोग प्राधिकरण क्यों आ रहे हैं। सीईओ ने एसीईओ से जांच रिपोर्ट मांगी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की तैयारी है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि प्राधिकरण में दलाल गलत काम कराने का प्रयास कर रहे हैं। दलाल किस्म के लोग पास बनवा कर प्रवेश करते हैं। अपने आदेश में सीईओ ने कहा कि प्राधिकरण में दलाल प्रवृत्ति के लोग घूम रहे हैं। ऐसे लोग अनवाश्यक रूप से परिसर में घूमते रहते हैं। ऐसे लोगों की जांच की जरूरत है। उनका रिकॉर्ड निकाल कर उनसे पूछताछ की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब सब काम ऑनलाइन किए जा रहे हैं तो दफ्तर में लोग क्यों आते हैं। उन्होंने एसीईओ केके गुप्त से मामले की जांच करने के लिए कहा है। 

सीईओ ने कहा कि प्रवेश के लिए जारी होने वाले पास की जांच कराई जाए। इनकी सूची बनाई जाए। यह पता लगाया जाए कि कितने लोगों ने एक माह में पांच से दस बार प्राधिकरण में आए हैं। ऐसे लोगों से पूछताछ की जाए। एसीईओ ने सीआर सेल से पास का ब्यौरा मांगा है। देखा जाएगा कि यह लोग किस विभाग में आए और किस अधिकारी या कर्मचारी से मुलाकात करके गए हैं। इसके बाद यह जानकारी जुटाई जाएगी कि विभाग और अफसरों के पास क्या काम लेकर आए थे।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण का कहना है कि लगातार लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि कोरोनावायरस का संक्रमण फैल रहा है। बाहर से आने वाले लोग वायरस का वाहक बन सकते हैं। इसके बावजूद कुछ लोग निर्बाध रूप से प्राधिकरण के कार्यालय में प्रवेश कर रहे हैं। आखिर इन लोगों के ऐसे कौन से काम हैं, जिनके लिए इन्हें अपरिहार्य रूप से प्राधिकरण कार्यालय आना पड़ता है। जबकि विकास प्राधिकरण ने संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सारी सुविधाएं ऑनलाइन मुहैया करवा दी हैं। इससे साफ है कि इस तरह के लोग केवल गैरकानूनी और अनावश्यक काम करवाने की फिराक में प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर लगाते हैं। इन लोगों का मकसद सरकारी कामकाज को प्रभावित करके दलाली करना हो सकता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जाएगी।

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