ग्रेटर नोएडा: आईटीबीपी के रेफरल अस्पताल में 1150 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती

ग्रेटर नोएडा: आईटीबीपी के रेफरल अस्पताल में 1150 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती

ग्रेटर नोएडा: आईटीबीपी के रेफरल अस्पताल में 1150 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती

Google Image | आईटीबीपी के रेफरल अस्पताल में 1150 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती

आईटीबीपी के रेफरल अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ सीबीआई और एनआईए के अफसरों/कर्मचारियों का इलाज किया जा रहा है। अब तक यहां पर 1150 कोविड मरीजों का इलाज किया जा चुका है। अब तक यहां आए 25 से 30 प्रतिशत ऐसे मरीज थे। जिनमें कैंसर, टीबी, हृदय से संबंधित बीमारी थीं। यहां से सभी को ठीक करके घर भेजा गया है।

लॉकडाउन के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों ने जगह-जगह ड‘यूटी की। कंटोनमेंट जोन के अलावा कानून व्यवस्था बनाने के लिए वह मोर्चे पर डटे रहे। इस दौरान वह कोरोना पॉजिटिव हुए। इसके बाद ग्रेटर नोएडा में आईटीबीपी के रेफरल अस्पताल में कोविड मरीजों का इलाज शुरू किया गया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीसी डिमरी ने बताया कि 8 सितंबर तक यहां पर बीएसएफ के 91, सीआरपीएफ के 196, सीआईएसएफ के 200, आईटीबीपी के 289 एसएसबी के 159, एनएसजी के 83, एसपीजी के 64, एनआईए के 15, एनडीआरएफ के 10, बीपीआरडी के 1, आईबी के 19 व सीबीआई के 3 अधिकारियों/कर्मचारियों का इलाज किया गया। कोविड पॉजिटिव होने पर सभी को यहां पर भर्ती किया गया था। केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों के परिवारों का भी इलाज किया जा रहा है।

शत प्रतिशत मरीज ठीक किए
डॉ. डिमरी ने कहा कि अस्पताल में कोविड मरीजों के ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) लगभग 100 प्रतिशत रही। अस्पताल में सिर्फ एक मरीज की मौत हार्ट अटैक से हुई है। उन्होंने बताया कि अब तक मरीजों में से 25 से 30 प्रतिशत ऐसे मरीज आए जिनमें कैंसर, टीबी, हृदय से संबंधित बीमारी थीं। अस्पताल आने वाले 8 से 10 प्रतिशत मरीज गंभीर रूप से बीमार होने पर आए। इन सभी मरीजों को ठीक करके घर भेजा गया।

इलाज में जुटा मेडिकल स्टाफ
डॉ. डिमरी ने बताया कि कोविड मरीजों के इलाज में अभी कोई मेडिकल स्टाफ कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है। मेडिकल स्टाफ पूरी निष्ठा के साथ ड‘यूटी कर रहे हैं। डॉ. डिमरी ने कहा कि आईटीबीपी के डीजी एसएस देशवाल ने पूरा सहयोग किया। अस्पताल में स्टाफ, मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही सबको प्रोत्साहित किया।

2018 में शुरू हुआ था 200 बेड का अस्पताल
200 बेड का यह अस्पताल 2018 में शुरू हुआ था। डॉ. डिमरी ने बताया कि अस्पताल में फिजीशियन, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, बाल लोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ, हड‘डी रोग विशेषज्ञ, एनेस्थेसिया, पेन मैनेजमेंट, दंत रोग विभाग, फिजियोथेरेपी, रेडियोलॉजी, पैथालॉजी आदि की सुविधा मौजूद है। यहां पर हिप रिप्लेसमेंट, घुटना प्रत्यारोपण, डायलिसिस, कैंसर स्क्रीनिंग आदि की सुविधा है। उन्होंने बताया कि कम समय में अस्पताल ने बेहतर काम किया है।

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