Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
कोरोना से ठीक हुए मरीज प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आने लगे हैं। दिल्ली सरकार के आईएलबीएस अस्पताल में बुधवार तक कोरोना से ठीक हुए 4 मरीजों ने अपना प्लाजमा दान किया है। प्लाज्मा से कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज हो पाएगा। एक व्यक्ति का प्लाज्मा 4 लोगों को ठीक कर सकता है।
आईएलबीएस अस्पताल में चार प्लाज्मा डोनेशन में दो लोग बुधवार को आए। सोमवार और मंगलवार को एक-एक व्यक्ति ने प्लाज्मा डोनेट किया था। गौरतलब है कि मैक्स अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी से एक मरीज का सफल इलाज सोमवार को हो चुका है। सरकार भी इस थेरेपी से इलाज की तैयारी में है। प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्लाज्मा की जरूरत होती है। जिसे कोरोना से ठीक हुए मरीज ही दान कर सकते हैं।
मैक्स अस्प्ताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर मौजूद एक 47 साल के मरीज को कोरोना से ठीक हुए मरीज का प्लाजमा चढ़ाया गया था। इसके बाद मरीज 4 दिन में ही वेंटिलेटर सपोर्ट से बाहर आ गया था। कुछ दिन बाद उनकी दोबारा जांच कराई गई तो उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई।
एक ठीक हुए मरीज से 3 से 4 लोगों का इलाज संभव
एम्स के प्रोफेसर नवल विक्रम के मुताबिक एक व्यक्ति के प्लाजमा से 3 से 4 नए मरीजों को ठीक करने में इसका इस्तेमाल हो सकता है। दरअसल, एक व्यक्ति के खून से अधिकतम 800 मिली लीटर प्लाज़्मा लिया जा सकता है। वहीं, कोरोना से बीमार मरीज के शरीर में एंटीबॉडीज डालने के लिए लगभग 200 मिली लीटर तक प्लाजमा चढ़ाया जा सकता है। इस तरह एक ठीक हो चुके व्यक्ति का प्लाजमा 3-4 लोगों के उपचार में मददगार हो सकता है। उन्होंने बताया कि यह सभी रोगियों को देने की जरूरत नहीं हैं। जिन रोगियों की हालत ज्यादा खराब है, उन्हीं को यह दिया जाए तो ज्यादा बेहतर है। क्योंकि अभी देश में ठीक हो चुके रोगियों की संख्या बहुत कम है। जबकि, नए मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।
डॉक्टर नवल विक्रम के मुताबिक पहले भी सार्स और स्वाइन फ्लू जैसे कई संक्रामक रोगों में इसका इस्तेमाल हो चुका है। कुल मिलाकर जिन चार लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है, उससे 16 गम्भीर रूप से बीमार लोगों का उपचार हो जाएगा।