दिल्ली-यूपी और हरियाणा के लोगों से बाइक बोट ने ठगे 42,000 करोड़ रुपये

दिल्ली-यूपी और हरियाणा के लोगों से बाइक बोट ने ठगे 42,000 करोड़ रुपये

दिल्ली-यूपी और हरियाणा के लोगों से बाइक बोट ने ठगे 42,000 करोड़ रुपये

Google Image | दिल्ली-यूपी और हरियाणा के लोगों से बाइक बोट ने ठगे 42,000 करोड़ रुपये

मोबाइल फोन ऐप आधारित टैक्सी की तरह बाइक बोट नाम की योजना के दम पर हजारों लोगों से ठगी करने वाली कंपनी के निदेशकों को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। नोएडा से संचालित गर्वित इनोवेटिव कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक संजय भाटी और निदेशक राजेश भारद्वाज नोएडा में दर्ज विभिन्न ठगी के मामलों में जेल में थे।
    
दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपितों के खिलाफ राजधानी के आठ हजार लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है। इनसे करीब 250 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी, जबकि नोएडा, दिल्ली और हरियाणा के अलग-अलग शहरों के निवासियों से करीब 42 हजार करोड़ रुपये ठगने का आरोप है। कंपनी ने लोगों को झांसा दिया कि अगर 62 हजार रुपये की एक बाइक खरीदकर कंपनी में चलाएंगे तो हर माह साढ़े 9 हजार रुपये एक साल तक मिलेंगे। इसी तरह अगर एक लाख 24 हजार रुपये का निवेश करेंगे तो एक साल तक हर माह 17 हजार रुपये की आय होगी। इन दोनों ही योजनाओं में हजारों लोगों ने पैसा लगाया और कंपनी पैसा लेकर बंद हो गई। पुलिस के मुताबिक संजय भाटी गौतमबुद्ध नगर का रहने वाला है, जबकि राजेश भारद्वाज बुलंदशहर का रहने वाला है।

कई प्रदेशों में फैला था बाइक बोट का कारोबार
बाइक बोट का कंपनी का कारोबार नोएडा से बाहर यूपी के कई शहर के अलावा कई प्रदेश में फैला हुआ था। यूपी के बागपत, हापुड, बुलंदशहर, अलीगढ़, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फ रनगर, कानपुर, बनारस, लखनऊ के अलावा हरियाणा में गुरुग्राम, रोहतक, पानीपत, पंजाब में पटियाला, जालंधर, राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, मध्य प्रदेश में इंदौर, महाराष्ट्र में पुणे, नासिक, उत्तराखंड में हरिद्वार, सहित अन्य कई शहरों में फ्र ेंचाइजी खोली गई थी। एसआइटी द्वारा की गई कार्रवाई में करीब पौने नौ करोड रुपये के वाहन सीज किए गए थे।

इस मामले की पहली एफआइआर जनवरी 2019 में दर्ज की गई। अब तक 37 एफ आइआर दर्ज हो चुकी हैं। इस गैंग का मुख्य आरोपित व मास्टरमाइंड संजय भाटी को पांच दिन व दूसरे आरोपित विजयपाल कसाना को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर एसआइटी पूछताछ कर चुकी है। इस दौरान कंपनी के दनकौर स्थित चीती में बनाए गए मुख्य कार्यालय में छानबीन की गई। जहां से 102 बाइकें बरामद हुईं। इसके अलावा यह भी पता चला था कि आरोपितों ने पहले ही बहुत साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए कंपनी के दफ्तर में आग लगा दी थीए जिसके प्रमाण मौके से जांच टीम को मिले हैं। कंपनी द्वारा निवेशकों को लाभांश के रूप में दिए जाने वाले फर्जी चेक के करीब पांच बोरे में भरे मिले हैं। एसआइटी जांच में किसी विदेशी अकाउंट के इस्तेमाल की बात सामने नहीं आई है। हालांकि उस एंगल से भी जांच की जा रही है।

निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए लांच की थी ई-बाइक
मिली जानकारी के मुताबिकए अक्टूबर 2018 तक इस कंपनी ने केवल पेट्रोल बाइक लांच की थी। लेकिन इसके बाद ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ई बाइक लांच की गई। अब तक की पूछताछ में नौ से 10 हजार बाइक टैक्सी चलने की बात सामने आई है। कंपनी के जो 17 बैंक अकाउंट सामने आए हैं। उसमें 10 केवल यमुना विहार स्थित एक बैंक में है। इसके अलावा नोएडा, खुर्जा, मेरठ, नगीना बिजनौर में बैंक खातों का पता लगा है।

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