नोएडा प्राधिकरण पर सफाईकर्मियों के आमरण अनशन का तीसरा दिन, 90 फ़ीसदी कर्मचारी काम पर लौटे

नोएडा प्राधिकरण पर सफाईकर्मियों के आमरण अनशन का तीसरा दिन, 90 फ़ीसदी कर्मचारी काम पर लौटे

नोएडा प्राधिकरण पर सफाईकर्मियों के आमरण अनशन का तीसरा दिन, 90 फ़ीसदी कर्मचारी काम पर लौटे

Google Image | नोएडा प्राधिकरण पर सफाईकर्मियों का प्रदर्शन (File Photo)

नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ सफाई कर्मियों का आंदोलन गंभीर होता जा रहा है। तीन सफाई कर्मचारी आमरण अनशन पर प्राधिकरण कार्यालय के बाहर बैठे हुए हैं। शुक्रवार को (आज) आमरण अनशन को 3 दिन पूरे हो गए हैं। देर शाम से चौथे दिन की शुरुआत हो जाएगी। दूसरी ओर एक सफाई कर्मचारी ने दो दिन पहले आत्महत्या कर ली थी। जिससे हड़ताली कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ रहा है। दूसरी ओर विकास प्राधिकरण के अधिकारी टस से मस होने के लिए तैयार नहीं हैं।

दूसरी और विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि सफाई कर्मचारियों में बहुत कम लोग अब हड़ताल पर हैं। अधिकांश सफाई कर्मचारी गुरुवार को काम पर वापस लौट आए हैं। नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को 90% से ज्यादा सफाई कर्मचारियों ने शहर में साफ-सफाई की है। गुरुवार को तीन हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने अपनी हाजिरी भरी है। 

अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष बबलू पारचा, संजय धीमान और सुमित्रा चौहान भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। सफाईकर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। काम पर नहीं लौटने के कारण 11 सफाई कर्मियों को ठेकेदारों ने नौकरी से निकाल दिया है। नोएडा सेक्टर-20 थाने में सफाईकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। इसके बाद सफाईकर्मियों में गुस्सा बढ़ गया है। कर्मचारियों का कहना है, "हम लोग भूख हड़ताल पर बैठे हैं। हम लोगों से मिलने और बातचीत करने के लिए कोई नहीं आया है। नोएडा विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन का कोई अफसर गुरुवार की शाम तक नहीं आया है। दरअसल, किसी को हमारी चिंता नहीं है। हम केवल अपना हक मांग रहे हैं।"

यह है सफाईकर्मियों की मांगें

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में हजारों की संख्या में सफाई कर्मचारी तैनात हैं। विकास प्राधिकरण प्लेसमेंट एजेंसियों और ठेकेदारों से इन सफाई कर्मचारियों को काम पर रखता है। अब कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि उन्हें ठेकेदार से मुक्त कराया जाए। सभी को समान वेतन दिया जाए। सफाई कर्मचारियों को नोएडा विकास प्राधिकरण के कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया जाए। उन्हें भी सारी सुविधाएं और लाभ मिलना चाहिए।   

अधिकांश कर्मचारी काम पर वापस लौट आए हैं: प्राधिकरण

नोएडा विकास प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी इंदुप्रकाश ने कहा कि सफाई कर्मियों ने गुरुवार को पूरे शहर में काम किया है। 90 प्रतिशत से अधिक सफाईकर्मी काम पर लौट आए हैं। 3000 से अधिक सफाईकर्मियों ने गुरुवार को काम किया है। अब शहर में कहीं सफाई की कोई समस्या नहीं है। हड़ताली सफाईकर्मियों की संख्या बहुत कम है। उनसे भी बातचीत करके समाधान कर लिया जाएगा।

दूसरी ओर नोएडा के एडिशनल डीसीपी कुमार रणविजय सिंह ने कहा कि अधिकांश सफाईकर्मी ड्यूटी पर हैं। कुछ लोग अपने निजी हितों को साधने के लिए सफाई कर्मचारियों को गुमराह कर रहे हैं। प्राधिकरण के अफसर बार-बार इनके साथ बात कर रहे हैं। उनकी जायज मांगें मानी जा चुकी हैं। अब बिना वजह इस मामले को खींचा जा रहा है। लिहाजा। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एडिशनल डीसीपी ने बताया कि 2 दिन पहले जिस सफाई कर्मचारी ने आत्महत्या की थी, उससे जुड़े मामले की भी जांच तेजी के साथ की जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह अपनी पारिवारिक परिस्थितियों से परेशान था। पूर्व में भी कई बार सुसाइड करने की कोशिश कर चुका था। हालांकि, पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

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