Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
लॉकडाउन ने 12 साल पहले बिछड़े एक युवक को उसके परिजनों से मिलवा दिया। दो भाइयों की सड़क हादसे में मौत के बाद युवक की दिमागी हालत बिगड़ गई थी। इसके बाद वह परिजनों को बिना बताए घर से चला गया था। यह युवक लॉकडाउन के दौरान जेवर के शेल्टर होम में पहुंच गया। जेवर की एसडीएम गुंजा सिंह की पहल के चलते वह परिजनों से मिल पाया। अब उसे कासगंज जिले में उसके पैतृक गांव छोड़ने एक प्रशासनिक टीम गई है।
जेवर के संस्कार मैरिज होम में करीब सवा महीने से एक युवक रह रहा था। उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। जब वहां पर अधिकारी उससे पूछते कि कहां के रहने वाले हो तो वह कभी महाराष्ट्र तो कभी गुजरात बताता था। जेवर की एसडीएम गुंजा सिंह ने उसके कागजात चेक करवाए तो उसकी एक आईडी निकल आई। इस आईडी से उसकी पहचान हो सकी।
एसडीएम गुंजा सिंह ने बताया कि जिला कासगंज के गांव बीनपुर कलां निवासी सर्वेश शर्मा पुत्र राकेश शर्मा (25) जो बाल अवस्था में करीब 12 साल पहले संदिग्ध परिस्थिति में अचानक घर से लापता हो गया था। जिसकी परिजनों ने काफी खोजबीन की थी। मगर, उसका कोई सुराग नहीं लगा। बेटे के गम में मां की मौत हो गयी थी। पिता राकेश शर्मा की हालत भी गंभीर है। उनका कासगंज के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
उपजिलाधिकारी जेवर ने युवक के परिजनों से वार्ता की। जिससे उसकी तस्दीक हो गई है। युवक की पहचान होने के बाद जेवर के नायब तहसीलदार बालेन्द्र भूषण वर्मा के नेतृत्व में कास्ंटेबल अर्जुन सिंह, नगर पंचायत जेवर में तैनात शिवकुमार सिंह की देखरेख में सर्वेश शर्मा को गाड़ी में बैठाकर गुरुवार को कासगंज के लिये रवाना किया गया है।