Tricity Today | CBI
नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीएमई यादव सिंह की गिरफ्तारी के बाद नोएडा स्टेडियम घोटाले में नौ अन्य अधिकारियों की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है। यह वह सेवानिवृत अधिकारी है, जिनको क्रिकेट स्टेडियम जांच में सीबीआई ने आरोपी बनाया था। उनकी गिरफ्तारी और चार्जशीट जारी करने के लिए शासन की ओर से अनुमति मांगी गई थी।
शासन की ओर इसकी संसुति मिल गई है। इनके एक अधिकारी की जांच के लिए हाल ही में लेखा एवं वित्त विभाग ने भी संतुती दे दी है। जबकि एक अधिकारी ने अपने को इस जांच से दूर कर लिया है। सीबीआई ने प्रथम चरण में सिर्फ टेंडर जारी में घोटाला जांच में नौ लोगों को आरोपी माना है, जिनकी गिरफ्तारी कर चार्ज शीट जल्द कोर्ट में दाखिल करने वाली है।
इस खबर ने नोएडा प्राधिकरण में हडक़ंप मचा कर रख दिया है, क्रिकेट स्टेडियम में असली घोटाला तो टेंडर जारी होने के बाद माना जा रहा है। इस मामले की जांच रिपोर्ट की बात अभी तक सीबीआई की ओर से कही ही नहीं गई है। ऐसे में टेंडर के बाद की जांच रिपोर्ट आने में कई अन्य अधिकारियों को सीबीआई की ओर से आरोपी बनाया जाना भी तय माना जा रहा है।
इसके अलावा यादव सिंह की गिरफ्तारी के बाद जिन पांच कंपनियों को एफ आईआर में शामिल किया गया है। उनकी भी जांच कराई जाएगी। एफ आईआर में स्पष्ट है कि यादव सिंह ने उन कंपनियों को टेंडर आवंटन करने में भारी अनिमितता बरती। इसके साक्ष्य सीबीआई के पास मौजूद है।
एफआईआर में प्राधिकरण के अन्य अधिकारियों के नाम तो नहीं है लेकिन गिरफ्तारी के संकेत दे दिए है। इसके अलावा प्राइवेट लोगों की मिली भगत का आरोप भी है। 58 करोड़ का काम, 200 करोड़ खर्च कई सौ करोड़ का काम बाकी नोएडा प्राधिकरण की ओर से वर्ष 2016 में ही निर्माण कंपनी आनंद बिल्डटेक को एनओसी जारी कर दी गई थी।
निर्माण इतना घटिया किया गया है कि जगह-जगह प्लास्टर गिर रहा है, लिफ्ट आज तक लगाई नहीं गई है। उससे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि निर्माण कंपनी की ओर से नोएडा प्राधिकरण पर कम भुगतान का केस आर्बिटेशन में चल रहा है। जो अपने आप में ही पूरे मसले को उलझा रहा है। टेंडर महज 58 करोड़ रुपये का जारी हुआ। निर्माण कार्य पर 200 करोड़ रुपये खर्च हो चुके है, लेकिन अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम
तैयार ही नहीं हो सका है।
अभी भी कई सौ करोड़ रुपये का काम क्रिकेट स्टेडियम में होना बाकी है। वर्ष 2010-11 में इन लोगों के हाथ हुई टेंडर प्रक्रिया पूरी नाम पद पर तैनाती-