अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडेय, अभिषेक मिश्रा और मनोज पांडेय के साथ बैठक की, यूपी में ब्राह्मणों के मुद्दों पर चर्चा हुई

अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडेय, अभिषेक मिश्रा और मनोज पांडेय के साथ बैठक की, यूपी में ब्राह्मणों के मुद्दों पर चर्चा हुई

अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडेय, अभिषेक मिश्रा और मनोज पांडेय के साथ बैठक की, यूपी में ब्राह्मणों के मुद्दों पर चर्चा हुई

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समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार की दोपहर बाद उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पार्टी के तीन बड़े ब्राह्मण चेहरों के साथ बैठक की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर रहे माता प्रसाद पांडे और अखिलेश यादव की कैबिनेट में मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा और मनोज पांडे शामिल हुए। करीब 2 घंटे चली इस बैठक में उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज की स्थिति और समस्याओं पर चर्चा की गई है।

अभिषेक मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचार और जुल्म को लेकर आज हम लोगों ने सपा अध्यक्ष के साथ बैठक की। बीते 6 महीनों में ब्राह्मणों पर हुए भयानक अत्याचार का ब्योरा दिया है। सपा ब्राह्मणों के खिलाफ बीजेपी के सरकारी उत्पीड़न का विरोध करेगी। ब्राह्मणों पर लगातार हो रहे अत्याचार, दमन, शोषण और जुल्म को लेकर समाजवादी पार्टी काफी गंभीर है। 

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्या हो रही हैं। इनकी दुकानें लूटी जा रही हैं। अकारण थानों में बुलाकर अपमानित करना और पिटाई आम बात हो गई है। पिछले 6 महीनों में ब्राह्मणों पर अत्याचार की पराकाष्ठा है। संस्थागत रूप से ब्राह्मणों का उत्पीड़न किया जा रहा है। बीजेपी के इस बदले हुए व्यवहार से ब्राह्मण अपमानित और भयग्रस्त हैं। समाजवादी पार्टी ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएगी। इसी मुद्दे पर शुक्रवार को अखिलेश यादव और तीनों ब्राह्मण नेताओं के बीच लंबी बैठक हुई है।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोटरों की संख्या 14 फ़ीसदी है। समाजवादी पार्टी के नेताओं का आरोप है कि 14 फीसदी वोट वाला यह समाज हर जिले में शोषण, दमन और हिंसा का शिकार है। शुक्रवार को अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के 3 दिग्गज ब्राह्मण नेताओं को बुलाया और उनसे इस मुद्दे पर बात की। सपा की ओर से जानकारी मिली है कि माता प्रसाद पांडेय, मनोज पांडेय और प्रोफेसर अभिषेक मिश्रा इस बैठक में शामिल हुए। तीनों ब्राह्मण नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष को पिछले 6 महीनों में ब्राह्मणों पर हुए भयानक अत्याचार का ब्योरा दिया है। समाजवादी पार्टी ब्राह्मणों के खिलाफ बीजेपी के सरकारी उत्पीड़न का विरोध करेगी।

अयोध्या के पूर्व विधायक पवन पांडेय भी इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके हैं। ऐसा लग रहा है कि समाजवादी पार्टी अपने ब्राह्मण नेताओं को सामने करके उत्तर प्रदेश में इस मुद्दे पर बड़ा अभियान शुरू कर सकती है। आपको बता दें कि परंपरागत रूप से ब्राह्मण समाज राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद से पहले कांग्रेस का वोटर था। जन्मभूमि विवाद के बाद ब्राह्मण समाज तेजी के साथ भारतीय जनता पार्टी की तरफ शिफ्ट हुआ। 

उसके बाद लगातार ब्राह्मण समाज भारतीय जनता पार्टी का परंपरागत वोटर बना हुआ है। बीच में केवल 2007 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों ने बड़ी संख्या में बहुजन समाज पार्टी को वोट दिया और मायावती को स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में पहुंचाया था। लेकिन इस 5 साल के कार्यकाल में ब्राह्मण का बहुजन समाज पार्टी से मोह भंग हो गया। 2012 के चुनाव में एक बार फिर ब्राह्मण ने मनमर्जी से अपने उम्मीदवारों को वोट किया। 

राम मंदिर की तैयारी है, अबकी बार परशुराम लहर की बारी है: अभिषेक मिश्रा
समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा ने कहा, "अखिलेश यादव ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी समाज का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। ब्राह्मण समाज खासतौर से पढ़ा लिखा और संभ्रांत वर्ग है। ब्राह्मण समाज पर होने वाले अत्याचार को रोकने की समाजवादी पार्टी जिम्मेदारी उठाएगी। हम लोगों ने पिछले दिनों गौतमबुद्ध नगर से लेकर गोरखपुर तक ब्राह्मणों पर दर्ज किए गए मुकदमों में मदद की है। ब्राह्मण नेताओं और युवकों को जमानत दिलवाने में मदद की है। ब्राह्मण समाज ने हमेशा भारतीय जनता पार्टी को खास सहयोग दिया है इसके बदले में ब्राह्मण समाज पर अत्याचार करके कृतघ्नता जाहिर की है।" अभिषेक मिश्रा ने यूपी में राम मंदिर और ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचार को जोड़ने के लिए एक विशेष नारा, "राम मंदिर की तैयारी है, अबकी बार परशुराम लहर की बारी है" दिया है।

2012 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों ने लामबंद होकर किसी एक पार्टी को वोट नहीं दिया था, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते ब्राह्मण एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की ओर आकर्षित हुआ और राज्य में बंपर बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की। अब पिछले कुछ महीनों से धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी में जातिगत आधार पर बिखराव नजर आ रहा है। इसमें ब्राह्मण अचानक असहज महसूस कर रहे हैं। जिसका कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भरपूर फायदा उठाने में जुट गए हैं।

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