Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
एक पशु कल्याण संगठन ने मंगलवार को नौ वर्षीय लेब्राडोर डॉग जेनी को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के पतवाड़ी गांव से रेस्क्यू किया है। इस मासूम के लिए आज सभी दरवाजे बंद हो गए हैं। दरअसल, जेनी को उसके मालिक ने पटवारी गांव के एक व्यक्ति को सौंप दिया था। जेनी को पालने वाले COVID-19 से संक्रमित पाए गए हैं। उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कर दिया है। लेकिन, मालिक के कोरोना वायरस से संक्रमित पाते ही जेनी के लिए भी सारे दरवाजे बंद हो गए हैं।
पशु संरक्षण संगठन के कार्यकर्ताओं ने बताया कि कोरोना वायरस से सकारात्मक परीक्षण आने के बाद और ग्रेटर नोएडा अस्पताल में भर्ती होने से पहले इसके मालिक ने जेनी को राजीव यादव को सौंप दिया गया था। अब संक्रमण फैलने के डर से राजीव ने कुत्ते को घर पर रखने से मना कर दिया।
अब ग्रेटर नोएडा के पीपुल फॉर एनिमल्स के सदस्यों ने उसे बचाया। संरक्षक ने बचाव कर्मियों से सुबह वादा किया था कि कुत्ते को वैक्सीन देने और सेनेटाइज्ड करने के बाद घर पर रख लेगा। लेकिन दोपहर में मना कर दिया। अब पीपीए के सदस्यों ने कुत्ते को सेनेटाइज करके अपनी शरण में रख लिया है।
"हम जिला प्रशासन, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, एसपीसीए तक पहुंच गए, लेकिन कोई भी कुत्ते को अपने पास रखने के लिए तैयार नहीं था, इसलिए हम अंत में इसे अपने शेल्टर होम में ले आए हैं। इसके लिए अलग और विशेष व्यवस्था की गई जा। हमने इसे धोया और साफ किया है।" पीपल फॉर एनिमल्स ग्रेटर नोएडा की कावेरी भारद्वाज ने यह बात कही।
कावेरी भारद्वाज ने कहा, "जबकि कैनाइन कोरोना वायरस का वाहक नहीं हो सकता है। हालांकि, उसका कॉलर और दूसरा सामान कोरोना वायरस से दूषित हो सकता है, इसलिए किसी भी पशु आश्रय में उसे आवास मिलने की आभी संभावना नहीं है। हम एक कुत्ते को आश्रय दे सकते हैं, लेकिन अगर ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं, तो सरकार को इस दिशा में सोचना पड़ेगा। पालतू जानवरों के लिए एक संगरोध वार्ड (Quarantine Ward) बनाना चाहिए।"
कावेरी भारद्वाज ने कहा, सुबह में नोएडा प्राधिकरण के पशु चिकित्सक प्रेम चंद ने कुत्ते के लिए एक खाली पड़े नसबंदी केंद्र में जगह देने की मंजूरी दी थी। लेकिन दोपहर में उन्होंने इनकार कर दिया। दरअसल, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने डॉग को रखने की अनुमति नहीं दी और डॉक्टर ने उनके फैसले का पालन किया।
इस बारे में ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण के अनुसार, GNIDA इस समय स्वच्छता के अलावा कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी नहीं लेगा और वह जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की सहमति के बिना कुत्ते के लिए कोई सुविधा देने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। कई प्रयासों के बावजूद गौतमबुद्ध नगर के मुख्य पशु चिकित्सा अधीक्षक वीरेंद्र श्रीवास्तव से संपर्क नहीं किया जा सका।
हालांकि, पशु चिकित्सकों का कहना है कि कुत्तों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का कोई खतरा नहीं है। पशु चिकित्सक डॉ अभिषेक डाबर ने कहा, "अब तक हमने दो कुत्तों की मौत के बारे में सुना है। COVID-19 के कारण एक कुत्ता चीन में और दूसरा हांगकांग में मरा है। लेकिन ये प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं हैं। दरअसल, कुत्तों के लिए कोई वैध परीक्षण उपलब्ध नहीं हैं। कुत्ते के मालिक ने अपने अस्पताल से फोन पर कहा, "मैं इलाज करवा रहा हूं और मेरी हालत में सुधार हो रहा है। मैं जल्द ही कुत्ते को आश्रय से बाहर निकालूंगा।"