अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और एमिटी विश्वविद्यालय मिल कर आयुर्वेद के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशेंगे

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और एमिटी विश्वविद्यालय मिल कर आयुर्वेद के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशेंगे

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और एमिटी विश्वविद्यालय मिल कर आयुर्वेद के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशेंगे

Amity University |

पारंपरिक भारतीय चिकित्सा को राष्ट्रीय स्वास्थय प्रणाली में जोड़ते हुए और आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहित करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय एंव अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया। इस समझौता पर हस्ताक्षर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ मनोज नेसरी, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार चौहान एंव एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ असीम चौहान की उपस्थिति में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली की निदेशिका प्रो तनुजा नेसरी एंव एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के कुलसचिव डॉ बी एल आर्या द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का संचालन एमिटी सांइस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डॉ डब्लू सेल्वामूर्ती द्वारा किया गया। इस समझौता पत्र का उददेश्य आयुर्वेद में शोध को बढ़ावा देते हुए उसके ज्ञान, वैज्ञानिकी दृष्टिाकोण एंव लाभ का प्रचार प्रसार वैश्विक स्तर पर करना है। आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ मनोज नेसरी ने संबोधित करते हुए कहा कि इस समझौते पत्र से अवसरों के नये रास्ते खुलेगें जो ना केवल आयुर्वेद में शोध को बढ़ावा देेंगे बल्कि समाज की स्वास्थ्य संबधी चुनौतियों का निवारण भी करेगा। डॉ नेसरी ने कहा कि अकदामिक एंव शोध एक ही सिक्के के दो पहलु हैं और समझौते पत्र से दोनो क्षेत्रों को लाभ होगा। एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार चौहान ने कहा कि एमिटी परिवार के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण समझौता पत्र है जिससे भारतीय चिकित्सा प्रणाली की सबसे प्राचीन विधा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा मिलेगा।


अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली की निदेशिका प्रो तनुजा नेसरी ने संबोधित करते हुए कहा कि इस समझौते पत्र से वैज्ञानिकों एंव युवा शोधार्थियों को प्रोत्साहन प्राप्त होगा। हम मिलकर स्वास्थय देखभाल की क्षेत्र में आ रही चुनौतियों का निवारण करेगें। इस समझौते पत्र से शिक्षकों को शोध के अवसर तो युवाओं को पीएडची करने के अवसर प्राप्त होगें। इस दौरान उन्होनें अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली की स्थापना, उपलब्ध सुविधायें और किये जा रहे शोध कार्यों आदि को बताया। एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ असीम चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि आज सारा विश्व भारतीय चिकित्सा प्रणाली से प्रभावित है और उसको अपना रहा है इसलिए हमारा कर्म बनता है कि हम आयुर्वेद के ज्ञान का प्रचार प्रसार करें। समय की मांग है कि आयुर्वेद विज्ञान का उपयोग मानवता के लिए किया जाये।

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