Google Image | Noida Gate
बढते प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर काफी जोर दिया जा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्यौगिक विकास प्राधिकरण इलेक्ट्रिक वाहनों और इससे जुडे कंपनियों को बढावा देंगे। सार्वजनिक जगहों, इमारतों और यमुना एक्सप्रेस वे पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। शासन ने इस संबंध में तीनों प्राधिकरणों को निर्देश दे दिए हैं। नीति को लागू करने के लिए प्राधिकरण को बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव करना होगा।
प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति 2019 तैयार की है। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर वाहनों की चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण को इस संबंध में लिखित आदेश दिया है। सार्वजनिक स्थानों और भवनों में चार्जिंग की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
सार्वजनिक पार्किंग, बस डिपो, बस टर्मिनल और बस स्टॉप में भी चार्जिंग स्टेशन लगेंगे। शासन द्वारा दिए गए निर्देश के मुताबिक कि यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा.लखनऊ एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढावा देने के लिए हर 50 किलोमीटर की दूरी पर चार्जिंग स्टेशन बनाना होगा। इन स्टेशनों पर वाहनों की बैटरी बदलने की भी सुविधा दी जाएगी।
नए अपार्टमेंट, हाईराइज बिल्डिंग और टेक्नोलॉजी पार्क में भी इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग की सुविधा होगी। 5000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफ ल में बनने वाले कमर्शल कॉम्प्लेक्स, आवासीय सोसायटी व टाउनशिप में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। इन नियमों का पालन कराने के लिए प्राधिकरण अपने बिल्डिंग बायलॉज में भी बदलाव करेगा।
अफसरों का कहना है कि शासन के निर्देश पर अमल किया जाएगा। ज्ञात हो कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अभी हाल ही में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की योजना लॉन्च की है। साथ ही प्राधिकरण ऑफि स में भी चार्जिंग स्टेशन बनाया गया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अब तक 6 से अधिक चार्जिंग स्टेशन खोले जा चुके हैं।