इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- मेरठ से फरार कुख्यात अपराधी बदन सिंह बद्दो सोशल मिडिया पर क्यों सक्रिय, गौतमबुद्ध नगर से बड़ा ताल्लुक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- मेरठ से फरार कुख्यात अपराधी बदन सिंह बद्दो सोशल मिडिया पर क्यों सक्रिय, गौतमबुद्ध नगर से बड़ा ताल्लुक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- मेरठ से फरार कुख्यात अपराधी बदन सिंह बद्दो सोशल मिडिया पर क्यों सक्रिय, गौतमबुद्ध नगर से बड़ा ताल्लुक

Tricity Today | Badan Singh Baddo

Prayagraj/Meerut : उम्रकैद की सजा पाने के बाद फरार हुए कैदी की सोशल मीडिया पर सक्रियता को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव (गृह)  माँगा है। कोर्ट ने दोषी बदन सिंह बद्दो की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने अभिषेक सोम नाम के व्यक्ति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया गया है।

इस याचिका में बताया गया कि आजीवन कारावास की सजा पाने वाला बदन सिंह बद्दो 28 मार्च, 2019 को हिरासत से भाग गया, लेकिन उसे गिरफ्तार करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने इस तथ्य के समर्थन में कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत किए कि वह नियमित रूप से अपने सोशल मीडिया पेज चला रहा है। याचिका में यह भी बताया गया कि भगोड़े बदन सिंह बद्दो के राजनीतिक संबंध हैं और इसी वजह से उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि भगोड़े बदन सिंह बद्दो को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन किया गया है। संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा, “इस मामले के सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद यह उचित जान पड़ता है कि हमारे समक्ष इस संबंध में संपूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत किया जाए कि दोषी भगोड़े की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं। ये विवरण प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) द्वारा निजी हलफनामे के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा।” अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 नवंबर तय की।

दिल्ली में अपने साझीदार की थी हत्या

वेस्ट यूपी के कुख्यात बदमाश बदन सिंह बद्दो कई राज्यों की पुलिस के लिए चुनौती है। उसकी गिरफ्तारी स्पेशल टॉफ फ़ोर्स के लिए आसान नहीं है। पुलिस के अनुसार, मार्च 2010 में कालकाजी (दिल्ली) में चर्चित अनूप जुनेजा शूटआउट केस में बदन सिंह बद्दो का नाम सामने आया था। जिसके बाद दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बदन सिंह का काम विवादास्पद प्रॉपर्टी पर कब्जा करना था। इसके लिए उसने अनूप जुनेजा के साथ मिलकर गिरोह बना रखा था। विवादास्पद प्रॉपर्टी को एक पक्ष से सस्ते में खरीद लेता था। दूसरी पार्टी के खिलाफ यूपी और पंजाब में वहां के कुछ पुलिसकर्मियों से मिलभगत करके एफआईआर दर्ज करवा देता था।

जेल में बैठकर हत्याएं करवा रहा था

उसने साउथ दिल्ली में इसी तरह धमकी देकर कई विवादित कोठियां खाली कराई थीं। जिसके बाद स्पेशल सेल और यूपी एसटीएफ ने मिलकर उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। वर्ष 2012 में एसटीएफ मेरठ के इंस्पेक्टर धर्मेंद्र यादव ने उसे गिरफ्तार करने में पहली बार कामयाबी हासिल की थी। दिल्ली से गिरफ्तारी के बाद जब बद्दो को लालकुर्ती थाने में लाया गया तो शहर के कई बड़े कारोबारी और सफेदपोश थाने में पहुंच गए थे। उस समय उस पर डेढ़ लाख रुपए का इनाम घोषित था। एक लाख रुपए यूपी पुलिस और 50 हजार रुपए का इनाम दिल्ली पुलिस की तरफ से था। नोएडा के कई बड़े कारोबारियों ने भी दिल्ली पुलिस के उच्चाधिकारियों से उस समय शिकायत की थी कि बद्दो ने उनकी संपत्तियों पर कब्जा कर लिया है। बद्दो जेल में भी नहीं रुका। वह जेल में बैठा साजिश के तहत हत्याएं करवा रहा था।

गौतमबुद्ध नगर कोर्ट ने सुनाई थी उम्र कैद

मेरठ में वकील हत्याकांड का आरोप उस पर लगा था। इस हत्या के बाद मेरठ के वकीलों ने भारी विरोध प्रदर्शन किए थे। पुलिस के मुताबिक मेरठ के लालकुर्ती क्षेत्र में केबिल कारोबारी पवित्र मैत्रेय की हत्या बदन सिंह ने रंगदारी नहीं देने की वजह से करवाई थी। दिल्ली पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि वह नेपाल फरार हो गया है। मेरठ के अधिवक्ता रविंद्र गुर्जर की साल 1996 में हत्या की गई थी। इस मामले में गौतमबुद्ध नगर अदालत ने बदन सिंह बद्दो को 21 साल बाद 26 अक्तूबर 2017 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बदन सिंह और उसके भाई किशन सिंह के खिलाफ रविंद्र के भाई देवेंद्र सिंह ने केस दर्ज कराया था। वारदात के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों को जमानत मिल गई थी। केस के विचारण के दौरान किशन की मृत्यु हो गई थी। पीड़ित पक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट ने 2015 में केस मेरठ से गौतमबुद्ध नगर अदालत ट्रांसफर किया था। इसके बाद बद्दो को सजा सुनाई गई थी। कुछ महीने बद्दो ग्रेटर नोएडा जेल में रहा था। उसके बाद फर्रुखाबाद जेल स्थानांतरित कर दिया गया था।

मेरठ, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में करोड़ों की संपत्ति

पश्चिमी यूपी के बड़े माफिया बद्दो के रसूखदारों से संबंध हैं। पुलिस के अनुसार बदन सिंह बद्दो पश्चिमी यूपी का बड़ा माफिया है। मेरठ, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में उसकी करोड़ों की संपत्ति हैं। बद्दो के कई रसूखदारों से संबंध बताए जाते हैं। ऐसे लोग अक्सर जेल में उससे मुलाकात करने जाते थे। पुलिस ने उसका रिकॉर्ड खंगाला है। पुलिस का कहना है कि बद्दो के मददगारों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक जिस दिन बदन सिंह मेरठ से फरार हुआ था, उस दिन उसके साथ पपीत निवासी बढ़ला परीक्षितगढ़ और लल्लू मक्कड़ निवासी पंजाबी पुरा टीपीनगर बद्दो के साथ बताए गए हैं। उनके साथ एक ट्रांसपोर्टर भी था। हालांकि, अभी तक दोनों लोगों के होटल में मौजूद होने का प्रमाण पुलिस को नहीं मिला है।

सीएम भाषण दे रहे थे और बद्दो फरार हो गया

मेरठ पुलिस के अनुसार बद्दो को अदालत में सुनवाई के लिए मेरठ लाया गया था। उस दिन पूर्वाह्न 11:45 बजे वह फरार हुआ। उस समय मुख्यमंत्री रैली में कानून व्यवस्था पर भाषण दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है। अपराधी या तो जेल में हैं या फिर राम नाम सत्य है की यात्रा पर निकल गए हैं। बद्दो को फरार होने में रैली का भी फायदा मिला। पूरे जोन की फोर्स मोदी की जनसभा में लगी हुई थी। ऐसे में शहर में चेकिंग भी नहीं थी।

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