Tricity Today | Atariya Singh
कहते हैं हौसला हर इम्तिहान में कामयाबी हासिल करने के लिए सबसे जरूरी होता है। इस कहावत को नोएडा में एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा अतिरिया सिंह ने सच करके दिखाया है। अतिरिया सिंह इस बार 10वीं की छात्रा थीं और उन्होंने बोर्ड एग्जाम में शानदार उपलब्धि हासिल की है। उनकी यह उपलब्धि इसलिए ज्यादा मायने रखती है, क्योंकि अतिरिया सिंह दूसरे छात्रों के मुकाबले कुछ अलग हैं। अतिरिया सिंह डिस्लेक्सिया के साथ जीवन जी रही हैं और वह कोई भी जानकारी अधिकतम 2 दिन तक याद रख सकती हैं।
एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा अतिरिया सिंह को पढ़ाई करने के बाद सिर्फ 2 दिन ही याद रख सकती हैं। छात्रा को डिस्लेक्सिया की समस्या है। संघर्षों से सामना करते हुए उन्होंने परीक्षा परिणाम में इस बार 95.4 फ़ीसदी अंक हासिल करके सबको चकित कर दिया है। छात्रा के पिता ज्ञान प्रकाश सिंह एक व्यापारी हैं और मां अमृता सिंह गृहिणी हैं।
अतिरिया के पिता ने जानकारी दी कि जब वह कक्षा 5 में आईं तो हमें इस बात का एहसास हुआ कि अतिरिया दूसरे बच्चों के मुकाबले कुछ अलग हैं। उसे पढ़ाई लिखाई से जुड़ी बातें याद रखने में समस्या होती है। इसके बाद उन्होंने छात्रा का इलाज कराया और पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। अतिरिया की समस्या से स्कूल भी वाकिफ है। यही वजह है कि स्कूल के शिक्षक और शिक्षिकाओं ने छात्रा का पूरा सहयोग किया। यही वजह है कि छात्रा ने बोर्ड परीक्षा में सामाजिक विज्ञान में 93, अंग्रेजी में 94, हिंदी में 93, कंप्यूटर साइंस में 98 और चित्रकला में 99 नंबर अंक हासिल किए हैं।
आगे चलकर चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट बनना चाहती हैं अतिरिया
बुधवार को दसवीं का परीक्षा परिणाम आने के बाद एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की ओर से पथरिया की कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए जानकारी साझा की गई है। अतिरिया से उनकी सफलता पर बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि भविष्य में चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट बनना चाहती हैं। चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट बनने के पीछे उनका मकसद बच्चों की मदद करना है। बच्चों को उनकी परेशानियों का समाधान बताना है और वह चाहती हैं कि मेरे जैसे बच्चे भी बेहतर काउंसलिंग और गाइडेंस हासिल करके सामान्य बच्चों की तरह सफलता हासिल कर सकें। उनकी मां अमृता सिंह बताती हैं कि उसकी पढ़ाई के लिए रोजाना उसे रिवीजन कराती थीं। जिससे वह अच्छे अंक ला सके।
अंतर्राष्ट्रीय घुड़सवार भी हैं अतिरिया सिंह
अतिरिया सिंह पढ़ने में तो मेधावी हैं ही उनकी रूचि खेलकूद में भी अच्छी है। पिता ज्ञान सिंह ने बताया कि वह इंडो-रशियन प्रतियोगिता में घुड़सवारी भी कर चुकी हैं। स्कूल में भी उन्होंने घुड़सवारी का प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने अतिरिया को अलग से भी घुड़सवारी करने के लिए प्रशिक्षण दिलाया है। अतिरिया एक अच्छी घुड़सवार हैं।