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कोरोना महामारी के इस दौर में घर से बाहर निकला खतरे से खाली नहीं है। ऐसी विषम परिस्थिति में घर घर जाकर कोविड-19 का सव्रे करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मानदेय के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मौखिक एवं ईमेल के माध्यम से कई बार अवगत कराने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। मानदेय न मिलने से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है।
मानदेय दिलाने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को कलेक्ट्रेट पर पहुंचा और जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। चेतावनी दी है कि 27 सितंबर तक मानदेय का भुगतान न होने पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ गौतमबुद्धनगर की अध्यक्ष श्रीमती मनोज बाला ने बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी के आदेश पर बीते मार्च से जून माह तक कोविड.19 सव्रे में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की ड्यूटी लगाई गई थी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कोरोना महामारी के दौरान जान जोखिम में डालकर सेक्टर व सोसायटियों में घर. घर जाकर गहन सव्रे किया गया था। जुलाई माह में भी सव्रे किया गया था।
उन्होंने बताया कि सव्रे के दौरान कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उल्टी, सर दद, चक्कर आना आदि की शिकायत हुई। उनका कहना है कि विषम परिस्थिति में ड्य़ूटी करने के बाद भी मानदेय नहीं दिया जा रहा है। मानदेय के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हमारी समस्या समझने को तैयार नहीं हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की है।
बृहस्पतिवार को कलेक्ट्रेट पर पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। कोविड-19 सव्रे के साथ पोलियो अभियान का बकाया मानदेय भी दिलाने की गुहार लगाई है। चेतावनी दी है कि 27 सितंबर तक मानदेय न मिलने पर धरना प्रदर्शन को मजबूर होना पड़ेगा। इस मौके पर कांती देवी, कुंता मावी, मछला सिंह, कुलदीप चौधरी, एचएस निमेष आदि मौजूद रहे।