Greater Noida: राजस्थान में सियासी संग्राम को लेकर सचिन पायलट के पैतृक गांव में हलचल तेज, जानिए क्या कर रहे हैं ग्रामीण

Greater Noida: राजस्थान में सियासी संग्राम को लेकर सचिन पायलट के पैतृक गांव में हलचल तेज, जानिए क्या कर रहे हैं ग्रामीण

Greater Noida: राजस्थान में सियासी संग्राम को लेकर सचिन पायलट के पैतृक गांव में हलचल तेज, जानिए क्या कर रहे हैं ग्रामीण

Tricity Today | राजस्थान में सियासी संग्राम को लेकर सचिन पायलट के पैतृक गांव में हलचल तेज

राजस्थान की राजनीतिक उथल-पुथल के केंद्र में रहे उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पैतृक गांव वेदपुरा के लोगों में गुस्सा है। जयपुर में चल रही हर हलचल पर ग्रामीणों की नजर है। कई समाचार चैनल के जरिये तो घर वाले सचिन पायलट के करीबियों से हालात की जानकारी ले रहे हैं। ग्रामीण तल्ख भरे अंदाज में कहते हैं कि फसल की बुवाई किसी ने की, जबकि फसल कोई और काट रहा है। यह केवल सचिन पायलट के लिए बल्कि पूरी कांग्रेस के लिए घातक है। ग्रामीण एक स्वर में कहते हैं कि अगर पायलट के साथ नाइंसाफी हुई तो पूरा गांव कांग्रेस का बहिष्कार करेगा।

राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसकी वजह उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को माना जा रहा है। सचिन के पैतृक गांव वेदपुरा के लोग भी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। वह हर पल की जानकारी रख रहे हैं। गांव में जगह-जगह चौपाल पर बैठे लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं। चौपालों पर इसी बात की चर्चा है कि कांग्रेस ने उनके छोरे के साथ न्याय नहीं किया। कांग्रेस नेता संदीप नागर ने कहा कि सचिन पायलट ने पूरे पांच साल राजस्थान की खाक छानी। जब वह पार्टी को जिता कर लाए तो अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया गया। जबकि मुख्यमंत्री के दावेदार पायलट ही थे। कांग्रेस ने उनके साथ शुरू से ही नाइंसाफी की।

पार्टी छोड़ी नहीं, उखाड़ दिए पोस्टर
वेदपुरा में रहने वाले सचिन पायलट के चचेरे भाई चमन लाल उर्फ महिपाल विधूड़ी ने कहा कि उसके भाई के साथ शुरू से ही बेइमानी की गई। सरकार बनने से पहले पांच साल तक राजस्थान की गली-गली घूमा। बुजुर्ग अशोक गहलोत कहीं नहीं गए और मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान में जो चल रहा है वह अशोक गहलोत की साजिश है। उम्मीद है कि मेरे भाई की इसमें भी जीत होगी। क्योंकि काम करने वालों की कभी हार नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अभी तक सचिन ने कांग्रेस छोड़ी नहीं है, लेकिन उसके पहले की पार्टी दफ्तर से उसके फोटो निकलवा दिए गए। इससे गहलोत की मंशा साफ नजर आती है।  

युवाओं को आगे बढ़ने से रोकने की साजिश
पड़ोसी गांव मिलक लच्छी के डॉ. सुरेश नागर भी राजस्थान की राजनीतिक उथल पुथल से व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट के साथ कांग्रेस जो कर रही है, वह ठीक नहीं है। सचिन जैसे युवाओं को पार्टी आगे नहीं बढ़ा रही है। पायलट जैसे काबिल युवाओं को आगे नहीं बढ़ाया गया तो पार्टी का नुकसान होना तय है। गांव के संदीप नागर ने कहा कि पूरे घटनाक्रम से गांव के युवाओं में रोष है।

पंचायत का फैसला, गांव सचिन के साथ
वेदपुरा गांव के लोगों ने पंचायत करके फैसला लिया वे सब सचिन पायलट के साथ हैं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार सचिन पायलट की वजह से बनी है। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बना दिया गया। संदीप नागर ने कहा अगर सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी छोड़ते हैं तो गांव से कांग्रेस का बहिष्कार किया जाएगा। पांचायत में सत्ते प्रधान, गजे प्रधान, डालचंद प्रधान, सतपाल नागर, अरविंद नागर, तरुण नागर आदि मौजूद थे।

साल में दो बार जरूर आते हैं अपने पैतृक गांव
सचिन पायलट को गौतम बुद्ध नगर जिले में बेहद पसंद किया जाता है। उनकी पहचान एक दिग्गज गुर्जर नेता के रूप में है। सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट वेदपुरा गांव में ही पले-बढ़े थे। सचिन पायलट साल में दो बार अपने पैतृक गांव आते हैं। गोवर्धन पूजा और अपने पिता की पुण्यतिथि को गांव जरूर आते हैं। उनके परिवार से लेकर इलाके के लोगों को इसका इंतजार रहता है।

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