VIDEO: गाजियाबाद में एक और पत्रकार की जान को खतरा, मनपसंद शादी करने...

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Social Media | गाजियाबाद में एक और पत्रकार की जान को खतरा

गाजियाबाद में जर्नलिस्ट विक्रम जोशी की हत्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि शहर के एक और पत्रकार की जान पर खतरा मंडरा रहा है। पत्रकार ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। उनका कहना है कि मनपसंद शादी करने की वजह से उनकी पत्नी के परिवार वाले जान के दुश्मन बन गए हैं। वह पत्रकार और उनकी पत्नी की हत्या करना चाहते हैं। करीब एक महीने से दोनों इधर-उधर छिपकर जान बचा रहे हैं।

मूल रूप से बुलंदशहर के नरोरा कस्बे के निवासी पत्रकार अविनाश सिंह गाजियाबाद में रहते हैं। अविनाश सिंह ने बताया कि उन्होंने जून के पहले सप्ताह में चंदौसी (संभल) की रहने वाली ज्योति सिंह के साथ शादी की है। वह ज्योति सिंह से प्रेम करते थे और दोनों ने शादी करने का फैसला सहमति के आधार पर लिया था। दोनों ने पहले आर्य समाज मंदिर में शादी की। उसके बाद गाजियाबाद में कोर्ट मैरिज किया है। अविनाश सिंह का कहना है कि हम दोनों बालिग हैं और आपसी सहमति और समझदारी के बाद शादी करने का फैसला लिया है।

ज्योति सिंह ने बताया, "मेरे और अविनाश के विवाह से मेरे पिता और भाई खुश नहीं हैं। वह दोनों लोग हम दोनों की शादी करना नहीं चाहते थे। अब हम दोनों ने शादी कर ली है तो वह हमारी जान के दुश्मन बन गए हैं। मेरा भाई और मेरे पिता हम दोनों को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। दहशत के कारण हम लोगों ने गाजियाबाद छोड़ दिया है और पिछले एक महीने से इधर-उधर छिपकर अपनी जान बचा रहे हैं।" ज्योति सिंह आगे कहती हैं कि मेरे पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं और वह अपनी पहुंच का नाजायज इस्तेमाल कर रहे हैं। वह मेरे पति अविनाश सिंह को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। गोली मारकर हत्या करने की धमकी देते हैं।

अविनाश सिंह ने आगे बताया कि उनका पैतृक घर बुलंदशहर के नरोरा कस्बे में है। उनकी मां पहले ही गुजर गई हैं। घर में अकेले पिता रहते हैं। वह सरकारी नौकरी से रिटायर हैं। उन्हें पैरालाइसिस है। उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। ऊपर से मेरे ससुर और साले नरोरा मेरे पिताजी के पास पहुंचे। उनके साथ बदतमीजी की गई। अभद्र व्यवहार किया गया। उन्हें भी जान से मारने की धमकी देकर आए हैं। मेरे पिताजी के साथ उन लोगों ने मारपीट भी की है। 

अविनाश सिंह का कहना है कि मैंने इस बारे में नरोरा के एसएचओ से बात की। उन्होंने भी मेरी मदद करने से इंकार कर दिया। दूसरी ओर सब इंस्पेक्टर होने के नाते मेरे ससुर के दबाव में आकर चंदौसी थाने के इंस्पेक्टर और दूसरे पुलिसकर्मी हम दोनों के साथ बेहद बदतमीजी कर रहे हैं। चंदौसी थाने की पुलिस हम दोनों को फोन करती है और गालियां बकती है। चंदौसी पुलिस पूरी तरह मेरे ससुर और साले का साथ दे रही है। हम लोग उन्हें लगातार बता रहे हैं कि हमने अपनी मर्जी से शादी की है। हम बालिग हैं और अपने जीवन से जुड़े फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। यह सुनने के बाद चंदौसी के एसएचओ ने मुझे गंदी गंदी गालियां बकी।

अविनाश और ज्योति का कहना है कि वह करीब एक महीने से किसी तरह अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनके पास जमा पूंजी पूरी तरह खत्म हो चुकी है। कभी किसी होटल में रहते हैं तो कभी किसी रिश्तेदार के यहां जाकर रहने को मजबूर हैं। गाजियाबाद लौटकर आने से जान का खतरा है। अविनाश ने बताया कि गाजियाबाद में उसके घर ज्योति के पिताजी पहुंचे और एक पोस्टर चस्पा करके आए हैं। जिस पर उन्होंने लिखा है कि मैंने ज्योति का अपहरण कर लिया है और इसके लिए मुझे बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा।

एसएसपी गाजियाबाद, एसपी सम्भल और सीएम ऑफिस से मांगी मदद, नहीं मिली

अविनाश का कहना है कि उसने गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और संभल के पुलिस अधीक्षक को भी लिखित में एप्लीकेशन दिया था। जिसमें पूरी जानकारी दी गई थी। अपनी जान को खतरा बताया था, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद उसे मजबूर होकर गाजियाबाद से भागना पड़ा। अविनाश का यह भी कहना है कि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय को भी एक पत्र भेजा था, लेकिन उस पर भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

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