ग्रेटर नोएडा में एक और घपला उजागर, स्पोटर्स सिटी के आवंटन पर सीएजी ने उठाए सवाल, रिपोर्ट जल्दी विधानसभा में पेश होगी

ग्रेटर नोएडा में एक और घपला उजागर, स्पोटर्स सिटी के आवंटन पर सीएजी ने उठाए सवाल, रिपोर्ट जल्दी विधानसभा में पेश होगी

ग्रेटर नोएडा में एक और घपला उजागर, स्पोटर्स सिटी के आवंटन पर सीएजी ने उठाए सवाल, रिपोर्ट जल्दी विधानसभा में पेश होगी

Google Image | स्पोर्ट्स सिटी, ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीएजी ऑडिट में नॉलेज पार्क फाइव स्थित स्पोटर्स सिटी को लेकर सवाल उठाए गए हैं। ऑडिट में आवंटन से लेकर जमीन ट्रांसफर तक की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं। सीएजी ने प्राधिकरण से इस मामले में जवाब मांगा है। इस मामले में तत्कालीन अफसर भी लपेटे में आ सकते हैं। ऑडिट की फाइनल रिपोर्ट विधानसभा में रखी जाएगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 2010-11 में नॉलेज पार्क-5 में 1.20 लाख वर्ग मीटर जमीन पर स्पोटर्स सिटी विकसित करने की योजना बनाई थी। नियमों के मुताबिक, इसमें करीब 80 फीसदी क्षेत्र स्पोटर्स गतिविधि के लिए प्रस्तावित किया गया था। जबकि शेष हिस्से को आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए रखा गया। इसका प्रावधान इसलिए किया गया ताकि खेल गतिविधियों को सहयोग मिल सके। इससे जुड़े लोगों को वहीं पर रहने का स्थान मिल सके। इसका आवंटन दो कंपनियों के ज्वाइंट वेंचर को किया गया था।

सूत्रों के मुताबिक, इस वेंचर से एक कंपनी आवंटन के कुछ दिन बाद ही अलग हो गई। जबकि, कंसोर्टियम में वह लीड कम्पनी थी। बाद में इस जमीन के कुछ हिस्से को 11 कंपनियों को ट्रांसफर किया गया। जबकि, यह सब नियमों के विपरीत था। बाद में यहां पर आवासीय योजनाएं लांच की गईं। यहां पर स्पोटर्स गतिविधियां आज तक शुरू ही नहीं की गई हैं इसके चलते स्पोटर्स सिटी विकसित नहीं हो पाई। दूसरी ओर आवासीय स्कीम लॉन्च करके कम्पनी ने सैकड़ों करोड़ रुपये कमाए हैं।

सूत्रों के अनुसार, सीएजी ने इसके आवंटन पर सवाल उठाए हैं। इससे प्राधिकरण को आर्थिक नुकसान हुआ है। सीएजी ने प्राधिकरण अफसरों से जवाब मांगा है। अब अफसरों को इसका जवाब नहीं सूझ रहा है। इस मामले में कई तत्कालीन अफसर भी लपेटे में आ सकते हैं। प्राधिकरण के जवाब के बाद ऑडिट पूरा हो सकेगा।

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