अर्धनग्न किसानों का हल्ला बोल, गाजियाबाद में नेशनल हाइवे जाम, दिल्ली बॉर्डर बन्द

अर्धनग्न किसानों का हल्ला बोल, गाजियाबाद में नेशनल हाइवे जाम, दिल्ली बॉर्डर बन्द

अर्धनग्न किसानों का हल्ला बोल, गाजियाबाद में नेशनल हाइवे जाम, दिल्ली बॉर्डर बन्द

Tricity Today | अर्धनग्न किसानों का हल्ला बोल, गाजियाबाद में नेशनल हाइवे जाम, दिल्ली बॉर्डर बन्द

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे में 19 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। जिसके लिए मुआवजा दरें अलग-अलग हैं। सभी गांवों में भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष मुआवजा दरें समान करने की मांग को लेकर किसान संगठनों ने सोमवार को दिल्ली कूच कर दिया। हाथों में झंडे लेकर पैदल हजारों की संख्या में अर्धनग्न किसान दिल्ली जाने के लिए गाजियाबाद में बॉर्डर तक पहुंच गए। दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की तो झड़प हुई। किसान धरना देकर नेशनल हाईवे पर बैठ गए। इस दौरान गाजियाबाद-मेरठ नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम लग गया। साथ ही गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर भी घंटों ट्रैफिक जाम रहा है। 

भारतीय किसान यूनियन के मुखिया राकेश टिकैत भी किसानों के समर्थन में गाजियाबाद पहुंचे हैं। राकेश टिकैत ने किसानों की समस्याओं पर केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की है। करीब 3 घंटों की गहमागहमी के बाद पुलिस ने राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों के प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली जाने और ज्ञापन सौंपकर आने की इजाजत दी है। मेरठ एक्सप्रेस वे से प्रभावित 19 गांवों को समान मुआवजा देने की मांग को लेकर मोदीनगर के गांव प्रथमगढ़ से शुरू हुई अर्धनग्न पद यात्रा सोमवार की सुबह गाजियाबाद पहुंची। तीन दिन की पदयात्रा के बाद किसानों ने गाजियाबाद पहुंचकर अनिश्चितकालीन धरना देने की घोषणा की थी।
 
किसान दोपहर में यूपी गेट पहुंच गए। किसान दिल्ली जाना चाहते थे। पुलिस ने बॉर्डर पर किसानों को रोक लिया। जिसके बाद किसान सड़क पर ही धरना देने बैठ गए। लिंक रोड यूपी गेट फ्लाईओवर के नीचे से दिल्ली जाने का रास्ता पुलिस और किसानों के बीच झड़प के कारण बंद हो गया। भारतीय किसान यूनियन ने भी किसानों के इस आंदोलन को समर्थन दिया है। भाकियू से जुड़े किसान बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी किसानों के साथ गाजियाबाद पहुंचे। राकेश टिकैत ने कहा, "केंद्र और राज्य सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही हैं। किसान बर्बादी के कगार पर हैं। किसानों को हर तरफ से लूटा जा रहा है। किसान सड़कों पर है और सरकार आराम फरमा रही है।" 

किसान दिल्ली जाकर अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन देना चाहते थे। पुलिस ने बड़ी संख्या में किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत नहीं दी। अंततः राकेश टिकैत और पुलिसकर्मियों के बीच वार्ता हुई। जिसमें फैसला लिया गया कि राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाकर ज्ञापन देगा। इस संबंध में बातचीत चल रही है। करीब 2 घंटे में किसानों के वापस जाने के आसार हैं। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ हरिंदर लखवाल, पवन खटवाल और इंदजीत सिंह सहित 10 किसान दो कारों में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।

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