अर्जुन भाटी ने बेमिसाल काम किया, अपनी 102 ट्रॉफी से चार लाख 30 हजार रुपये जुटाकर पीएम केयर फंड को दिए

अर्जुन भाटी ने बेमिसाल काम किया, अपनी 102 ट्रॉफी से चार लाख 30 हजार रुपये जुटाकर पीएम केयर फंड को दिए

अर्जुन भाटी ने बेमिसाल काम किया, अपनी 102 ट्रॉफी से चार लाख 30 हजार रुपये जुटाकर पीएम केयर फंड को दिए

Tricity Today | Arjun Bhati

ग्रेटर नोएडा के निवासी और जूनियर गोल्फ वर्ल्ड चैंपियन अर्जुन भाटी ने बेमिसाल काम किया है। अपने 8 साल के करियर में अर्जित की गई 102 ट्रॉफी और मेडल लोगों को देखकर ₹4,30,000 अर्जित किए। मंगलवार को अर्जुन भाटी ने यह धनराशि पीएम केयर फंड को दान दे दी है।

अर्जुन भाटी इससे पहले एक लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष में दे चुके हैं। ग्रेटर नोएडा के जेपी गोल्फ कोर्स में रहने वाले अर्जुन भाटी ने बड़ा काम किया है। अर्जुन ने अपने 8 साल के छोटे से करियर में अब तक 102 सम्मान प्रतीक हासिल किए। ये सारी ट्रॉफी और पदक उन्होंने शहर के लोगों, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को दे दिए। इसके बदले में न्यूनतम धनराशि देने का आग्रह किया। लोगों ने इन ट्रॉफी और पदक के सापेक्ष अपनी इच्छा से उन्हें पैसे दिए। जिससे ₹4,30,000 की धनराशि एकत्र हुई।

अर्जुन भाटी ने बताया कि यह ₹4,30,000 की धनराशि उन्होंने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड को दे दी है। आपको बता दें कि करीब 10 दिन पहले अर्जुन भाटी ने कोरोनावायरस से फैली महामारी के खिलाफ चल रहे अभियान को आर्थिक मदद देने के लिए एक लाख रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष में भी दिए थे। अर्जुन भाटी की दादी ने अपनी एक साल की पेंशन करीब चार लाख रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष को दी है।

अर्जुन के दादा द्वितीय विश्व युद्ध के भारतीय सैनिक रहे थे। वर्ष 2005 में उनकी मृत्यु हो चुकी है। अब उनकी दादी को भारत सरकार पेंशन देती है। अपनी एक साल की पेंशन उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष को दी है। इस तरह अर्जुन भाटी और उनकी दादी अब तक करीब 10 लाख रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष और पीएम केयर फंड को दे चुके हैं।

अर्जुन ने कहा, मैंने 8 साल में देश-विदेश से 102 ट्रॉफी जीतकर कमाई हैं। ये 102 ट्रोफ़ी देश पर आए संकट के समय मैंने 102 लोगों को दे दीं। उनसे आए हुए कुल 4,30,000 रुपये आज PM Care Fund में देश की मदद को दिए हैं। ये सुनकर दादी रोई और बोलीं, "तू सच में अर्जुन है, आज देश के लोग बचने चाहिएं ट्रॉफी तो फिर आ जाएंगी।"

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.