BIG BREAKING: दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में 15 अक्टूबर से नहीं चलेंगे डीजल जनरेटर, जानिए किस पर लागू होगा आदेश

BIG BREAKING: दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में 15 अक्टूबर से नहीं चलेंगे डीजल जनरेटर, जानिए किस पर लागू होगा आदेश

BIG BREAKING: दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में 15 अक्टूबर से नहीं चलेंगे डीजल जनरेटर, जानिए किस पर लागू होगा आदेश

Google Image | Diesel generators will not be allowed in NCR

BIG BREAKING: दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए महत्वपूर्ण खबर है। उच्चतम न्यायालय से अधिकार प्राप्त पर्यावरण प्राधिकरण ने गुरुवार को आदेश दिया है कि आने वाले समय में प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब होने के चलते डीजल जनरेटर नहीं चलाए जाएंगे। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। प्राधिकरण की ओर से पावर बैकअप के लिए सीएनजी जनरेटर चलाने का सुझाव दिया गया है। प्राधिकरण ने सभी जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को डीजल जनरेटर चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है।

बड़ी बात यह है कि डीजल जनरेटर नहीं चलाने का आदेश केवल औद्योगिक इकाइयों पर ही लागू नहीं होगा, बल्कि हाउसिंग सोसायटी, सेक्टरों, कमर्शियल कंपलेक्स और तमाम दूसरे स्थानों पर इस्तेमाल हो डीजल जनरेटर भी इस आदेश की जद में आएंगे। प्राधिकरण की ओर से यह आदेश दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में लागू किया जाएगा। 15 अक्टूबर से डीजल जनरेटर का उपयोग बंद किया जाना है। दूसरी ओर इस आदेश का पालन करवाने के लिए करीब 10 दिन पहले ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विकास प्राधिकरण और प्रशासनिक अधिकारियों ने आदेश भेज दिए हैं। जिसका विरोध होने लगा है।

उच्चतम न्यायालय से अधिकार प्राप्त प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने बृहस्पतिवार को कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) के तहत 15 अक्टूबर से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में कड़े कदम उठाए जाएंगे। पर्यावरण प्रदूषण (निवारण और नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों को निर्देश दिया है कि वे राष्ट्रीय राजधानी, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम की सीमा में आवश्यक और आपात सेवाओं को छोड़कर अन्य किसी भी कार्य में डीजल जेनरेटर का उपयोग प्रतिबंधित करें।

प्राधिकरण के प्रमुख भूरेलाल ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है, ''राजमार्ग और मेट्रो जैसी बड़ी विनिर्माण परियोजनाएं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/प्रदूषण नियंत्रण समितियों को हलफनामा देंगे कि धूल प्रबंधन के लिए वे तय मानदंडों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगे। प्राधिकरण ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के आपात कदम के रूप में विनिर्माण कार्यों या ट्रकों के परिचालन जैसी आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगाने से कोरोना वायरस महामारी के कारण पहले से खराब अर्थव्यवस्था की स्थिति और बिगड़ जाएगी।

प्राधिकरण ने एक पत्र में कहा है, ''लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था की हालत वैसे ही अच्छी नहीं है, ऐसे में हम सभी को कोशिश करनी चाहिए कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आपात कदम ना उठाने पड़ें। ऐसे में हमारा संयुक्त प्रयास यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि हालात और ना बिगड़ें।

पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) ने बड़ा फैसला लेते हुए 15 अक्टूबर से जिले में डीजल से चलने वाले सभी जनरेटरों को प्रतिबंधित कर दिया है। ये फैसला बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए लिया है। EPCA के आदेश में सिर्फ सीएनजी ओर पीएनजी से संचालित जनरेटर को ही छूट दी गई है। दूसरी ओर इस फैसले को लेकर नोएडा के व्यापारियों में भारी रोष है।

व्यापारियों का कहना है कि EPCA को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले व्यापारियों और नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के साथ मीटिंग करनी चाहिए थी। जिसमें व्यापारी और EPCA मिलकर कोई निर्णय निकालते। इस प्रकरण को लेकर नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन मलहन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर विरोध जताया है। विपिन मलहन ने कहा है कि डीजल से संचालित जनरेटर को पीएनजी में कन्वर्ट करने में काफी रुपए खर्च होंगे।

नोएडा में ट्रैफिक से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है। उसे कम किया जाए और रेड लाइट की समयावधि को भी ध्यान में रखते हुए नियंत्रण किया जा सकता है। नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन में सह कोषाध्यक्ष नीरू शर्मा का कहना है कि हमें बिजली की पूरी सुविधा दी जाए। जिससे हम जनरेटर का इस्तेमाल ही ना कर पाएं। सीएनजी पीएनजी के कनेक्शन मुफ्त में दिए जाएं। जिससे हम व्यापारियों को भारी नुकसान ना हो। अगर व्यापारियों को नुकसान होता है तो इसकी भरपाई सरकार करेगा।

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