Google Image | Gautam Buddha University
गौतमबुद्ध नगर समेत बुलंदशहर और गाजियाबाद जिलों के सैकड़ों शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे लाखों छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर नोएडा की गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी को एफिलिएटिंग यूनिवर्सिटी का दर्जा दे दिया है। मतलब, अब गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय इन 3 जिलों में मौजूद शिक्षण संस्थाओं को मान्यता देगी। इन शिक्षण संस्थाओं में पाठ्यक्रम, दाखिले, परीक्षा, परीक्षा परिणाम, डिग्री, प्रमाण पत्र और तमाम शैक्षणिक गतिविधियों को नियमित करने की जिम्मेदारी उठाएगी। आपको बता दें कि जेवर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह पिछले 2 वर्षों से जीबीयू को यह दर्जा दिलाने के लिए प्रयासरत थे। विधायक ने इस मुद्दे को लेकर कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
आपका यह निर्णय @myogiadityanath जी,शिक्षा का हब बन चुके #GreaterNoida & #Noida के लिए मील का पत्थर साबित होगा।हम सभी जनपद गौतमबुद्धनगर के बाशिंदे,आपके इस कृत्य के लिए सदैव कृतज्ञ रहेंगे। @spgoyal @gbugrnoida @AshishSinghLIVE https://t.co/DkwLcvNz62 pic.twitter.com/k34F4WDtcj
— Dhirendra Singh (@DhirendraGBN) October 13, 2020
विधायक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार और प्रशासनिक गतिविधियों के सुविधाजनक संचालन के लिए गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को Affiliating University के रूप में मान्यता देने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को भारत में बुद्धिज्म स्टडी के लिए एक्सीलेंस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार चाहती है कि दुनियाभर से शोधकर्ता गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय आएं। यहां भगवान बुध और बुद्धिज्म पर रिसर्च करें। इससे उत्तर प्रदेश में शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा। साथ ही गौतमबुद्ध नगर और आसपास के जिलों में टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय संस्कृति से संबंधित शोध/प्रशिक्षण कार्य को वरीयता प्रदान करते हुए CM श्री @myogiadityanath जी ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, गौतमबुद्ध नगर को बुद्धिज्म एवं भारतीय संस्कृति के Centre of Excellence के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। @spgoyal @sanjaychapps1 @74_alok pic.twitter.com/0KDTCRRgqG
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 13, 2020
धीरेंद्र सिंह ने कहा, "गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय जनता के पैसे से बनाया गया है। यह एक भव्य शिक्षण संस्थान है। देश के चुनिंदा शिक्षण संस्थानों के पास इतनी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जितनी इस परिसर में विकसित की गई हैं। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों पर विकसित किया गया विश्वविद्यालय है। अभी बमुश्किल 3000 छात्र-छात्राएं इन सुविधाओं का उपयोग कर पा रहे हैं।" धीरेंद्र सिंह ने आगे कहा, "दरअसल, यह विश्वविद्यालय कैंपस यूनिवर्सिटी है। इसके पास अभी तक दूसरे शिक्षण संस्थानों को मान्यता देने का अधिकार नहीं है। मान्यता देने का अधिकार मिलने से इस विशाल परिसर का उपयोग लाखों छात्र-छात्राएं कर पाएंगे। दूसरी ओर बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए मेरठ दौड़ना पड़ता है। इस मामले में जेवर विधानसभा क्षेत्र मेरठ यूनिवर्सिटी से सर्वाधिक दूरी पर है।"
मुख्यमंत्री जी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार व प्रशासनिक गतिविधियों के सुविधाजनक संचालन हेतु गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, गौतमबुद्ध नगर को Affiliating University के रूप में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 13, 2020
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मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का दबाव कम होगा
ग्रेटर नोएडा में बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ हरिवंश चतुर्वेदी का कहना है कि मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से दो मंडलों के 9 जिले संबंध हैं। लाखों की संख्या में छात्र-छात्राएं सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे हैं। छात्रों की संख्या बहुत अधिक होने के कारण सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। नामांकन, दाखिले, परीक्षा का आयोजन और परीक्षा परिणाम घोषित करने में देरी होती है। जिससे छात्र-छात्राओं को असुविधा हो रही है। अगर बुलंदशहर, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की शिक्षण संस्थाओं को जीबीयू से संबद्ध कर दिया जाएगा, तो चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का दबाव कम हो जाएगा।
जीबीयू वित्तीय आधार पर आत्मनिर्भर बन जाएगी
विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा है कि अभी गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का वित्तपोषण नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की आर्थिक दशा ठीक नहीं है। ऐसे में पूरा भार नोएडा विकास प्राधिकरण पर पड़ रहा है। नोएडा विकास प्राधिकरण कई बार इस भार को खत्म करने की मांग कर चुका है। पिछली बोर्ड बैठक में भी यह प्रस्ताव पास किया गया है कि गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को उत्तर प्रदेश सरकार संभाले। सरकार के इस फैसले से गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय वित्तीय आधार पर आत्मनिर्भर बन जाएगा। दरअसल विश्वविद्यालय को छात्रों से शुल्क मिलेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और राज्य सरकार से भी पैसा मिलेगा।