बड़ी खबर: यूपी के पूर्व चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज की, यह है मामला

बड़ी खबर: यूपी के पूर्व चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज की, यह है मामला

बड़ी खबर: यूपी के पूर्व चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज की, यह है मामला

Google Image | Former UP Chief Secretary Deepak Singhal

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज की है। दीपक सिंघल के खिलाफ ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में उनके दामाद दीपक अग्रवाल को भी नामजद किया गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-13 निवासी संजय अग्रवाल की शिकायत पर यह केस दर्ज किया गया है। संजय अग्रवाल का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में कागज सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे पैसा लिया गया था। कुछ समय पहले की गई शिकायत पर जांच के बाद अब केस दर्ज हुआ है। दरअसल, शुरुआती जांच में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने संजय अग्रवाल के आरोपों को सही माना है इसके बाद यह एफआईआर दर्ज की गई है।

संजय अग्रवाल ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत देकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जांच करने की मांग की थी। आर्थिक अपराध शाखा पिछले करीब 3 महीनों से इस मामले में जांच पड़ताल कर रही थी। मामला हाईप्रोफाइल है, लिहाजा आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी बेहद संजीदगी के साथ मामले की जांच कर रहे थे। अब संजय अग्रवाल की शिकायत के मुताबिक उनका नेताजी सुभाष प्लेस में दफ्तर है और वे कई उत्पादों का आयात-निर्यात करते हैं।

संजय अग्रवाल ने आर्थिक अपराध शाखा को बताया कि  उत्तर प्रदेश के पूर्व चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल के साथ उनकी पहले से ही जान-पहचान है। जनवरी 2017 में दीपक सिंघल उनसे मिलने दफ्तर आए थे और साथ में दीपक अग्रवाल भी थे। सिंघल ने उन्हें बताया कि दीपक अग्रवाल उनका दामाद है। एफआईआर के मुताबिक इसी दौरान इन दोनों लोगों ने संजय अग्रवाल को आश्वासन दिया था कि उनकी उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक तबके में मजबूत पकड़ है। दोनों लोग संजय अग्रवाल का कागज यूपी के तमाम सरकारी महकमों में सप्लाई करवा सकते हैं।

संजय अग्रवाल का आरोप है कि इसी आश्वासन के आधार पर उसने दीपक सिंघल और दीपक अग्रवाल को करीब ढाई करोड रुपए दिए। इन लोगों के आश्वासन झूठे निकले और साजिश के तहत धोखाधड़ी की है। आर्थिक अपराध शाखा ने मामले में एफआईआर दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।

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