गौतमबुद्ध नगर के लिए बड़ी खबर, यमुना एक्सप्रेस-वे पर जिले के पहले सरकारी ट्रामा सेंटर को मिली मंजूरी

गौतमबुद्ध नगर के लिए बड़ी खबर, यमुना एक्सप्रेस-वे पर जिले के पहले सरकारी ट्रामा सेंटर को मिली मंजूरी

गौतमबुद्ध नगर के लिए बड़ी खबर, यमुना एक्सप्रेस-वे पर जिले के पहले सरकारी ट्रामा सेंटर को मिली मंजूरी

Tricity Today | Noida Gate

-यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे ट्रामा सेंटर के साथ 100 बेड का अस्पताल बनेगाganga-प्राधिकरण ट्रामा सेंटर और अस्पताल के लिए सेक्टर-22 ई में देगा छह एकड़ जमीन

गौतमबुद्ध नगर के लिए बड़ी खबर है। जिले में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत हो रही हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे पर जिले के पहले सरकारी ट्रामा सेंटर को मंजूरी मिल गई है। यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे प्रस्तावित ट्रामा सेंटर के साथ 100 बेड का अस्पताल भी बनेगा। इसके लिए यमुना प्राधिकरण 6 एकड़ जमीन देगा। प्राधिकरण स्वास्थ्य विभाग को निशुल्क जमीन देगा। इसके निर्माण का पूरा खर्च उत्तर प्रदेश सरकार उठाएगी। जेवर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक ठाकुर धीरेन्द्र सिंह ने इसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया था।

यमुना सिटी में आकर बसने वालों को मिलेंगी सुविधाएं

इसके बन जाने से यमुना सिटी के लोगों, औद्योगिक इकाइयों और यमुना एक्सप्रेस वे पर होने वाले हादसों में घायल लोगों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा। ट्रामा सेंटर के साथ 100 बेड के अस्पताल की सैद्धांतिक सहमति स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने दे दी है। जेवर में एयरपोर्ट का काम जल्दी शुरू होने वाला है। यमुना सिटी में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयों का निर्माण शुरू हो रहा है। शहर के आवासीय और औद्योगिक सेक्टरों में आकर बसने वालों को यह अस्पताल सुविधाएं देगा।

यमुना एक्सप्रेस वे के घायलों को त्वरित इलाज मिलेगा

यमुना एक्सप्रेस वे पर होने वाले हादसों में घायल लोगों के त्वरित इलाज के लिए ट्रामा सेंटर की मांग की जा रही थी। प्रदेश सरकार ने गौतमबुद्ध नगर जनपद में पहला सरकारी ट्रामा सेंटर बनाने की मंजूरी दे दी थी। इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने 2 हजार वर्ग मीटर जमीन निशुल्क देने का फैसला किया। जमीन देने का प्रस्ताव अपनी बोर्ड बैठक में पास कराने के साथ ही शासन को भेज दिया था। सरकार ने इस दिशा में आगे कार्रवाई शुरू की तो जेवर के विधायक ठाकुर धीरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उनसे ट्रामा सेंटर के साथ अस्पताल बनाने की मांग की। यमुना सिटी की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए ट्रामा सेंटर के साथ 100 बेड का अस्पताल बनाने की मांग को मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया। अब स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी।

अब 6 एकड़ जमीन निशुल्क जमीन देगा प्राधिकरण

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने इसको लेकर यमुना प्राधिकरण के साथ चर्चा की और अधिक जमीन देने के लिए कहा। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ट्रामा सेंटर और अस्पताल के लिए 6 एकड़ जमीन की जरूतर पड़ेगी। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह ने जमीन देने पर सहमति दे दी है। प्राधिकरण ने कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राधिकरण सारी जमीन निशुल्क देगा।

एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-22 ई में चिह्नित की जमीन

यमुना प्राधिकरण के अफसरों ने जमीन के लिए सेक्टर-22 ई को चिह्नित किया है। इस सेक्टर में यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे 6 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है। निशुल्क जमीन देने का प्रस्ताव यमुना प्राधिकरण आगामी बोर्ड बैठक में रखेगा। बोर्ड से प्रस्ताव पास कराने के बाद इसे स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया जाएगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, "यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे ट्रामा सेंटर के साथ 100 बेड के अस्पताल के लिए शासन से जमीन की मांग की गई है। ट्रामा सेंटर और अस्पताल के लिए सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसके लिए सेक्टर-22 ई में जमीन देंगे।"
 
सरकार और विकास प्राधिकरण का आभारी हूं: धीरेंद्र सिंह

जेवर के विधायक ठाकुर धीरेन्द्र सिंह ने इस मंजूरी पर ख़ुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा, "जब यमुना एक्सप्रेस-वे बनाया गया था तो एग्रीमेंट के मुताबिक जेपी इंफ्राटेक को ट्रॉमा सेंटर का निर्माण करना था। लेकिन कंपनी ने नोएडा में अपना अस्पताल बनाया। यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों के शिकार लोगों को उस अस्पताल से कोई लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में मैंने मुख्यमंत्री से मिलकर जेवर के आसपास एक ट्रॉमा सेंटर बनाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने इसे मंजूरी दे दी। इसके बाद सोचा कि अगर एक अच्छा अस्पताल भी इस ट्रॉमा सेंटर के साथ बन जाए तो एकसाथ दोहरा लाभ मिल सकता है। वैसे भी आने वाले एक-दो वर्षों में यमुना प्राधिकरण के रेजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल सेक्टरों में बड़ी संख्या में लोग रहने लगेंगे। उन्हें भी स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता पड़ेगी।"

धीरेन्द्र सिंह ने आगे कहा, "इस बात को ध्यान में रखकर मैंने दोबारा योगी जी से निवेदन किया और ट्रॉमा सेंटर के साथ अस्पताल बनाने की मांग की। अब राज्य सरकार ने ट्रॉमा सेंटर के साथ 100 बेड का अस्पताल यहां बनाने की मंजूरी दे दी है। दूसरी ओर यमुना प्राधिकरण ने पूरी जमीन निशुल्क देने की सहमति दी है। मैं शासन और यमुना प्राधिकरण का आभारी हूं। दरअसल, इस अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर का लाभ जेवर क्षेत्र के लोगों को सबसे ज्यादा मिलेगा। अभी तक जेवर का इलाका ऐसी उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं से महरूम है।"

जिले के बड़े सरकारी अस्पताल

  • अस्पताल का नाम                             बेड
  • राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान           300
  • जिला अस्पताल                               100  
  • शिशु अस्पताल                                100
  • ईएसआई                                         200

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