Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर के आईटी इंजीनियरों के लिए बड़ी खबर है। देश की अग्रणी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस को अगले एक वर्ष में अपना नोएडा स्पेशल इकोनामिक जोन (एसईजेड) बनाकर तैयार करना होगा। हालांकि यह एसईजेड इस साल बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन कई तरह के व्यवधानों के कारण प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया। अब केंद्र सरकार ने कंपनी को एक साल की मोहलत दी है।
इंफोसिस ने नोएडा में कार्य शुरू करने के लिए स्पेशल इकोनामिक जोन परियोजना के तहत भूमि का आवंटन लिया था। इस परियोजना में कंपनी को 1129 करोड रुपए का निवेश करना था। हालांकि कंपनी का दावा है कि वह अब तक 1175.41 करोड रुपए का निवेश कर चुके हैं। लेकिन इसमें से बड़ा हिस्सा जमीन की कीमत को चुकाने में खर्च किया गया है। इस परियोजना पर लंबे अरसे से कंपनी निर्माण कर रही है, जो अब तक पूरा नहीं किया गया है।
इंफोसिस कंपनी एसईजेड में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र भी तैयार नहीं कर पाई है। ऐसे में देशभर के मामलों पर विचार करने के लिए एसईजेड की नियामक संस्था बोर्ड ऑफ अप्रूवल की 29 मई को बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के कार्यवृत्त से पता चलता है कि नोएडा में इन्फोसिस के एसईजेड को न्यूनतम निर्मित क्षेत्र विकसित करने के लिए एक वर्ष का समय दे दिया गया है। कंपनी की ओर से 2 वर्ष का समय मांगा गया था, लेकिन बोर्ड ऑफ अप्रूवल ने केवल 1 वर्ष का समय बढ़ाया है।
यह काम कंपनी को अप्रैल 2020 तक कर लेना चाहिए था। अब अप्रैल 2021 तक पूरा करना होगा। इस बारे में जानकारों का कहना है कि पिछले वर्ष के दौरान निर्माण गतिविधियां पूरी तरह रुकी रही थीं। पहले दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते बेतहाशा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने निर्माण गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया था। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। जिसकी वजह से करीब 6 महीने कोई निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पाया था। अब पिछले 3 महीनों से लॉकडाउन के चलते काम थमा हुआ है। आने वाले वक्त में भी स्थिति साफ नहीं है कि निर्माण गतिविधियां कितनी गति पकड़ पाएंगे।
इन तर्कों को उचित मानते हुए बोर्ड ऑफ अप्रूवल ने 1 वर्ष का समय बढ़ा दिया है। आईटी क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल हालात अनुकूल नहीं हैं। पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे में कंपनियों के लिए बड़े फंड का इंतजाम करना आसान नहीं है। लिहाजा इंफोसिस को 1 वर्ष का समय विस्तार देना उचित है। कुल मिलाकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद और दिल्ली में रहने वाले आईटी इंजीनियरों के लिए अच्छी खबर है। यह कंपनी 1 साल बाद काम शुरू करेगी तो करीब 10,000 इंजीनियरों को काम देगी।