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सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार ने अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) से सहारा समूह से जुड़ी चार सहकारी समितियों के निवेश की जांच कराने की मांग की है।
रजिस्ट्रार ने सहारा समूह से जुड़ी चार सहकारी समितियों द्वारा 86,600 करोड़ रुपये से अधिक के संग्रह में से किये गये निवेश की जांच की मांग की है। हालांकि, इन रिण समितियों ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने कानून के हिसाब से ही निवेश किये हैं। समितियों ने यह भी कहा कि वह उचित मंच पर इन आरोपों का सामना कर चुकी हैं।
रजिस्ट्रार ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा कि उसे चार सहकारी समितियों 'सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ जमाकर्ताओं व सदस्यों से 15 हजार से अधिक शिकायतें मिली हैं।
रजिस्ट्रार ने कहा कि उसने इन चारों समितियों के प्रबंधन को तलब किया और इसकी आगे की जांच के बाद पाया कि सभी चार समितियां सहारा समूह के साझा प्रबंधन के तहत थीं और उन्होंने सामूहिक रूप से 86,673 करोड़ रुपये जुटाये। जिसमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा लगभग 4 करोड़ जमाकर्ताओं से एकत्र किये गये 47,000 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
पत्र में कहा गया कि चारों समितियों के प्रबंधन द्वारा दी गयी जानकारी से पता चला है कि उन्होंने कुल जमा राशि में से 62,643 करोड़ रुपये का निवेश एंबी वैली लिमिटेड में किया था।
सहकारी समितियों के एक प्रवक्ता ने इस बारे में संपर्क किये जाने पर कहा, ''हम अपने पैसे को नियम कायदों के अनुसार निवेश करते हैं, जिन्हें सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार द्वारा अनुमोदित किया गया था।ये प्रावधान बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के अनुरूप है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि समितियों ने नियमों के तहत ही एंबी वैली लिमिटेड में निवेश किया है।
उन्होंने कहा, ''हमने हमेशा अपने ऑडिट किये गये वित्तीय विवरणों को प्रस्तुत किया है जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। केंद्रीय रजिस्ट्रार ने 2018 में एक विशेष ऑडिट भी किया है और उसने नियमों / अधिनियम का कोई उल्लंघन नहीं पाया है। इस बात पर भी ध्यान दें कि कानून के मुताबिक किसी बाहरी एजेंसी द्वारा सहकारी समितियों की जांच उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आती है।।
प्रवक्ता ने कहा, ''इसलिये हम आरोपों का खंडन करते हैं और हमने उचित मंच पर आरोपों का सामना किया है। रजिस्ट्रार द्वारा पूछे जाने वाले किसी भी प्रश्न का उत्तर दिया जायेगा।
वहीं, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एसएफआईओ सहारा समूह की कुछ इकाइयों के मामलों को देख रहा है। ऐसा करते हुये एसएफआईओ उसे कार्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा भेजे गये अतिरिक्त संदर्भो को भी ध्यान में रखेगा। बहरहाल इस संबंध में अधिक ब्योरा नहीं मिल पाया है।