Tricity Today | Yogi Adityanath
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लागू किया है। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण को एक आदेश भेजा है। जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन लेकर उसे खाली छोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ऐसे आवंटन तत्काल रद्द कर दिए जाएं। जमा किया गया पैसा जब्त कर लिया जाए। मतलब, अब विकास प्राधिकरण से जमीन लेकर 5 साल में फैक्ट्री शुरू करना लाजिमी हो गया है।
जमीन आवंटित करवाने के बाद उद्योग शुरू नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। शासन ने कहा है कि अगर भू आवंटन के 5 साल बाद भी इकाई शुरू नहीं होती है तो उसका आवंटन निरस्त कर दिया जाए। आवंटी का सारा पैसा भी जब्त किया जाएगा। हालांकि, शासन ने इसमें एक साल का समय बढ़ाने का अधिकार औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को दे दिया है। लेकिन, इसके बाद हर हाल में जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरण कंपनियों को इकाई लगाने के लिए जमीन आवंटित करते हैं। सरकार की नीतियों के तहत उनको लाभ भी दिया जाता है। बहुत सारी कंपनियां जमीन आवंटित करा लेती हैं, लेकिन वह इकाई नहीं शुरू करती हैं। बार-बार प्राधिकरणों से समय बढ़वाती रहती हैं। जुर्माने के साथ यह समय बढ़ता जाता है। इसके चलते इकाइयां नहीं लग पाती हैं।
इसको लेकर अब सरकार ने गंभीरता दिखाई है। सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। शासन की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्राधिकरण द्वारा जमीन पर कब्जा दिए जाने के बाद 5 साल में उद्योग चलाना जरूरी होगा। अगर तय समय में उद्योग नहीं चलाते हैं तो आवंटन रद्द किया जाएगा। हालांकि, प्राधिकरण को इसके लिए एक साल का समय बढ़ाने की छूट होगी। यह अफसरों के विवेक पर होगा।
आदेश में आगे कहा गया है, इसके बाद आंवटी को नोटिस दिया जाएगा। नोटिस का समय पूरा होते ही आवंटन स्वत: रद्द मान लिया जाएगा। यही नहीं, जमा की गई रकम प्राधिकरण जब्त कर लेगा। जमीन से आवंटी के सभी अधिकार समाप्त हो जाएंगे। सारी संपत्ति प्राधिकरण में समाहित हो जाएगी।
ग्रेटर नोएडा में अभी 8 साल में फैक्ट्री शुरू करने का नियम
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में जमीन आवंटन के बाद 8 साल में इकाई शुरू कर सकते हैं। पहले 3 साल में इकाई को शुरू करने पर जुर्माना नहीं लगेगा। इसके बाद जुर्माने के साथ 4 साल और बढ़ सकते हैं। पहले साल जमीन के कुल मूल्य का 4 प्रतिशत जुर्माना देना होगा। दूसरे साल में 6 प्रतिशत, तीसरे साल में 8, चौथे साल में 12 और पांचवें साल में 12 प्रतिशत जुर्माना देना होगा। हालांकि, बहुत से मामलों में इसके बाद भी समय बढ़ जाता है। लेकिन अब नये नियम से इस पर लगाम लगेगी।
ग्रेटर नोएडा में 60 प्रतिशत इकाइयां ही क्रियाशील हुईं
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अब तक करीब 2,800 कंपनियों को जमीन आवंटित की गई है। बताया जाता है कि करीब 60 प्रतिशत इकाइयां ही क्रियाशील हैं। बाकी में अभी कोई काम नहीं हुआ है। इनमें बहुत आवंटियों ने समय बढ़वा लिया है। जानकारों के मुताबिक, अगर किसी आवंटी को जमीन दे दी गई और उस इलाके का मामला अदालत में विचाराधीन है तो यहां पर छूट मिल जाती है। कई बार प्राधिकरण जमीन पर कब्जा नहीं दे पाता है। ऐसी स्थिति में भी छूट मिल जाती है।
नोएडा में आवंटन लेकर फैक्ट्री नहीं चलाने वाले 2,200 आवंटी
नोएडा में ऐसे आवंटन की संख्या सबसे ज्यादा है। नोएडा में करीब 2,200 आवंटी ऐसे हैं, जिन्होंने 5 से 10 साल पहले फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन ली थी। लेकिन बहानेबाजी करके अब तक फैक्ट्री नहीं लगाई है। दरअसल, इन लोगों का मकसद फैक्ट्री लगाना कम और लैंड बैंक बनाकर मुनाफा कमाना ज्यादा रहा है। ऐसे आवंटी छोटी-मोटी कमियां तलाश करके प्राधिकरण के खिलाफ कोर्ट चले जाते हैं और मामले को उलझा रखते हैं।