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आम्रपाली समूह की आवासीय परियोजनाओं में घर खरीदकर फंसे हजारों मकान खरीदारों के लिए बड़ी राहत भरी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों को राहत देते गए छह अधूरी परियोजनाओं में एसबीआईकैप वेंचर्स को पैसा लगाने की इजाजत दे दी है। इससे करीब 7000 फ्लैट के निर्माण के लिये देय ब्याज का मुद्दा मंगलवार को सुलझ गया है।
एसबीआईकैप ने पहले न्यायालय से कहा था कि उसने आम्रपाली समूह की छह अधूरी परियोजनाओं के निर्माण के लिये 625 करोड़ रूपए उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। एसबीआईकैप रिअल इस्टेट सेक्टर में सरकार द्वारा प्रायोजित संकट कोष का प्रबंधन करता है।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने निर्देश दिया कि चार सप्ताह के भीतर न्यायालय में एक कानूनी रूपरेखा पेश की जाये जिसके अंतर्गत एसबीआईकैप को 12 फीसदी की आंतरिक दर से ब्याज दिया जायेगा। पीठ ने कहा कि इन परियोजनाओं का निर्माण राष्ट्रीय भवन निर्माण कार्पोशन करेगा और इसकी निगरानी न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति करेगी।
एनबीसीसी आम्रपाली की जिन छह परियोजनाओं का निर्माण करेगी उनमे सिलिकन वैली-1 और 2, क्रिस्टल होम्स, सेन्चूरियन पार्क लो राइज, सेन्चूरियन पार्क 02 वैली और सेन्चूरियन पार्क ट्रापिकल गार्डन शामिल हैं। इनमें करीब 6970 आवासीय इकाईयां हैं।
शीर्ष अदालत ने न्यायालय के रिसीवर वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणी से कहा कि वह आम्रपाली की दूसरी अधूरी परियोजनाओं को धन मुहैया कराने के लिये बैंकों का समूह बनाने की संभावना पर रिजर्व बैंक के साथ साथ विचार विमर्श करें। न्यायालय ने इससे पहले एसबीआईकैप वेंचर्स लि से कहा था कि वह अब ठप हो चुके आम्रपाली समूह की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिये वित्तीय सहायता की जिम्मेदारी वहन करे।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 दिसंबर को न्यायालय के रिसीवर, जिन्हें आम्रपाली समूह की संपत्तियों का संरक्षक नियुक्त किया गया है। उनको कहा था कि एसबीआईकैप वेंचर्स से आवेदन करे और इन परियोजनाओं से संबंधित आवश्यक सूचना उपलब्ध कराये। न्यायालय ने पिछले साल 16 दिसंबर को केन्द्र को यह सूचित करने का निर्देश दिया था कि आम्रपाली समूह की अधूरी परियोजनाओं के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के आवेदन पर निर्णय करने में कितना समय लेगा।
दूसरी और केंद्र सरकार ने डायट को बताया कि रिअल एस्टेट क्षेत्र के लिये सरकार ने 25,000 करोड़ रूपए का एक नया आपात कोष शुरू किया है। केन्द्र ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक को इस कोष का प्रबंधक नियुक्त किया गया है और वह आवेदन मिलने के बाद कतिपय मानदंडों के आधार पर धन वितरित करेगा।