कानपुर कांड में बड़ा खुलासा, शहीद सीओ ने एसएसपी को चिट्ठी लिखकर विकास दुबे की सब परतें खोल दी थीं, पढ़िए पूरी चिट्ठी

कानपुर कांड में बड़ा खुलासा, शहीद सीओ ने एसएसपी को चिट्ठी लिखकर विकास दुबे की सब परतें खोल दी थीं, पढ़िए पूरी चिट्ठी

कानपुर कांड में बड़ा खुलासा, शहीद सीओ ने एसएसपी को चिट्ठी लिखकर विकास दुबे की सब परतें खोल दी थीं, पढ़िए पूरी चिट्ठी

Google Image | विकास दुबे

कानपुर कांड में बड़ा खुलासा हुआ है। विनय दुबे के साथ मुठभेड़ में मारे गए पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा की कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुल लिखी गई चिट्ठी सामने आई है। जिससे पता चलता है कि सीओ ने बहुत पहले विकास दुबे और थाने के एसओ विनय तिवारी की मिलीभगत का खुलासा कर दिया था। इतना ही नहीं सीओ ने अपनी चिट्ठी में साफ लिखा था कि विनय दुबे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई न करके उसे संरक्षण दिया जा रहा है। जिसकी वजह से इलाके में उसका आतंक बढ़ रहा है। इतना ही नहीं सीओ ने मामले में एसएसपी की दखल चाही थी, लेकिन एसएसपी ने इस चिट्ठी को करीब 3 महीने तक दबा कर रखा है।

विकास दुबे के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने कानपुर नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा था। उसमें उन्होंने लिखा था कि दिनांक 13 मार्च 2020 को थाना चौबेपुर में अंतर्जनपदीय दबंग अभियुक्त विकास दुबे पुत्र राम कुमार दुबे निवासी ग्राम बिकरू थाना चौबेपुर जनपद कानपुर नगर और सह अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 65/2020 आईपीसी की धाराओं 386, 147, 148, 323, 504 और 506 के तहत पंजीकृत हुआ था। अभियुक्त विकास दुबे के विरुद्ध जनपद और अन्य जनपदों में करीब 150 मुकदमे संगीन धाराओं जैसे हत्या और लूट के दर्ज हैं। उसने थाना शिवली के कार्यालय में ही हत्या कर दी थी। ऐसे अपराधी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मैंने थानाध्यक्ष चौबेपुर को निर्देशित किया था। 

पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है, क्योंकि ऐसे दबंग अपराधी के विरुद्ध सामान्य जनता में शिकायत करने का साहस नहीं है। इस संबंध में मेरे द्वारा उपरोक्त घटना में आपको बताया भी गया था। इस मुकदमे की अब तक की कार्यवाही शून्य है। मैंने दिनांक 14 मार्च 2020 को दस्तावेजों का अवलोकन किया। मामले के विवेचक सब इंस्पेक्टर इशरत ने इस अभियोग में आईपीसी की धारा 386 हटा दी है। उसने प्रकरण में पुरानी रंजिश होना अंकित किया है। इस कार्रवाई के संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के लिए भी लिखा गया है। अब मैंने विवेचक से इस संबंध में पूछताछ की तो उसने बताया कि थानाध्यक्ष ने धारा 386 हटाने और यह तस्करा अंकित करने को कहा है। इस प्रकार ऐसे दबंग कुख्यात अपराधी के विरुद्ध थाना अध्यक्ष द्वारा सहानुभूति बरतना और अब तक कार्यवाही ना करना विनय कुमार तिवारी की सत्यनिष्ठा पूर्णता संदिग्ध है। 

सीओ ने एसएसपी को यह भी बताया कि अन्य माध्यम से भी जानकारी हुई है कि विनय कुमार तिवारी का पूर्व से विकास दुबे के पास आना-जाना और वार्ता करना बना हुआ था। यदि थानाध्यक्ष ने अपनी कार्यप्रणाली में परिवर्तन नहीं किया तो गंभीर घटना घटित हो सकती है। थानाध्यक्ष विनय तिवारी के विरुद्ध उपरोक्त अभियोग में 386 हटवाने और अब तक कोई भी एक्शन न करने के संबंध में कार्यवाही की संस्तुति की जाती है। देवेंद्र मिश्रा ने अपनी इस रिपोर्ट के साथ मुकदमा अपराध संख्या 65/2020 की एफआईआर, विवेचक द्वारा लिखी गई रपट की नकल और अभियुक्त विकास दुबे का आपराधिक इतिहास संलग्न करके एसएसपी को भेजा था

अब सवाल यही उठता है कि जिस विकास दुबे के बारे में देवेंद्र कुमार मिश्रा सारी जानकारी रखते थे और वह पहले ही एसएसपी को इस पूरे मामले में अवगत करवा चुके थे तो एसएसपी की ओर से इस मामले में 3 महीने से ज्यादा वक्त बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। आखिरकार देवेंद्र मिश्रा ने अपनी चिट्ठी में जो लिखा था, वह हो गया। उन्होंने लिखा था कि कोई बड़ी आपराधिक घटना हो सकती है। विकास दुबे ने बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम दिया। जिसमें देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

शहीद पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा की चिट्ठी सार्वजनिक होने के बाद इस प्रकरण पर कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने ट्राइसिटी टुडे को बताया कि मामले में जांच का आदेश दे दिया गया है। सबसे पहले यह पता लगाया जा रहा है कि यह चिट्ठी सही है या नहीं है। आईजी ने कहा कि इस मामले में जरूर कार्रवाई की जाएगी। इस मसले पर एसएसपी की ओर से भी बयान जारी किया गया है। हालांकि, ट्राइसिटी टुडे की बात कानपुर नगर के एसएसपी से नहीं हो सकी है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.