NOIDA: बिहार के मजदूरों ने नीतीश कुमार का पुतला फूंका, नारे लगाए-नीतीश हटाओ, बिहार बचाओ

NOIDA: बिहार के मजदूरों ने नीतीश कुमार का पुतला फूंका, नारे लगाए-नीतीश हटाओ, बिहार बचाओ

NOIDA: बिहार के मजदूरों ने नीतीश कुमार का पुतला फूंका, नारे लगाए-नीतीश हटाओ, बिहार बचाओ

Tricity Today | बिहार के मजदूरों ने नीतीश कुमार का पुतला फूंका

नोएडा में शुक्रवार की सुबह सैकड़ों मजदूरों ने इकट्ठा होकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की। मजदूरों ने नीतीश कुमार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की। मजदूरों ने नारा लगाया, "नीतीश भगा, बिहार बचाओ।" बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर सुशील कुमार मोदी के खिलाफ भी मजदूरों ने नारेबाजी की।

मजदूरों ने कहा, हम लोग यहां एक महीने से फंसे हुए हैं। हमारे पास लॉकडाउन के चलते कोई कामकाज तो है ही नहीं, खाने पीने के लिए सामान भी नहीं है। लॉकडाउन के कारण कहीं भी राशन नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार सभी राज्यों को कह रही है कि वह अपने फंसे हुए मजदूरों को निकाल लें लेकिन नीतीश कुमार इनकार कर रहे हैं। ऐसे में हम लोगों की एक महीने में जिंदगी बदतर हो गई है। 

मजदूरों ने कहा, नीतीश कुमार अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना नहीं चाहते हैं। वह अभी भी राजनीति कर रहे हैं और हमेशा की तरह अपने अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। मजदूरों से पूछा गया कि क्या उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ₹1000 नहीं मिले हहैं? मजदूरों ने कहा कि ₹1000 यहां 90 फ़ीसदी लोगों को नहीं मिले हैं। जिन लोगों को ₹1000 मिले हैं, आप ही बताइए कि उनसे कितने दिन जीवनयापन किया जा सकता है? 

मजदूरों ने सवाल किया कि यही बात नीतीश कुमार पूछ रहे हैं कि ₹1000 तो मिले हैं, उन्हीं से काम चलाइए। मजदूरों ने कहा कि बिहार सरकार को तत्काल नोएडा, दिल्ली-एनसीआर समेत समेत पूरे देश भर में फंसे मजदूरों को वापस ले जाने का इंतजाम करना चाहिए। मजदूरों ने कहा कि अब हम लोग समझ गए हैं कि यह लॉकडाउन लंबे समय तक चलने वाला है। ऐसे में यहां फंसे रहकर केवल परेशान होने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं होगा।

आपको बता दें कि आज मजदूर दिवस भी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर में लाखों की संख्या में बिहार के मजदूर फंसे हुए हैं। लॉकडाउन घोषित होने और तुरन्त रेल बन्द हो जाने के कारण ये लोग वापस नहीं लौट पाए। कमोबेश बिहार के हर जिले के लोग फंसे हैं। हालांकि, यूपी के सीमावर्ती जिलों के मजदूर बड़ी संख्या में जैसे-तैसे लौट चुके हैं।

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