यूपी एसटीएफ ने दो और आरोपियों को पंजाब से गिरफ्तार किया, नोएडा लाने की जुगत में जुटी है पुलिस

बाइक बोट घोटालाः यूपी एसटीएफ ने दो और आरोपियों को पंजाब से गिरफ्तार किया, नोएडा लाने की जुगत में जुटी है पुलिस

यूपी एसटीएफ ने दो और आरोपियों को पंजाब से गिरफ्तार किया, नोएडा लाने की जुगत में जुटी है पुलिस

Google Image | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

बाइक बोट घोटाले में उत्तर प्रदेश पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 4200 करोड़ रुपये की जालसाजी एवं धोखाधड़ी के मामले में इनामी फरार दम्पति को लुधियाना (पंजाब) से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। एसटीएफ प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) के दादरी में दर्ज मामले में आरोपी दम्पति पंजाब के जालंधर निवासी रवीन्द्र और रेखा राय को शनिवार शाम गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों को ट्राजिट रिमांड पर नोएडा लाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में एसटीएफ की कई टीमों को कार्रवाई के लिए लगाया गया था। मेरठ एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक बृजेश कुमार सिंह की निगरानी में अभिसूचना संकलन के लिए टीमें गठित की गईं थीं। इसी क्रम में मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर 42०० करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी रवीन्द्र  और उसकी पत्नी रेखा राय को उनके उत्तम बिहार कालोनी, लुधियाना स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी गिरफ्तारी के लिए 5०-5० हजार का इनाम घोषित किया गया था।

प्रवक्ता ने बताया कि एसटीएफ के निरीक्षक रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में मेरठ से एक टीम का गठन कर ईओडब्लू के विवेचक निरीक्षक कृष्ण कुमार,  बचन सिंह,  श्रीमती नीतू राणा को चालक सतीश चन्द्र के साथ भेजा गया था। इस टीम ने लुधियाना पहुंच कर इनामी वांछित जालसाल रवीन्द्र एवं उसकी पत्नी रेखा राय को घेराबन्दी कर गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह भारतीय सेना की 26 पंजाब रेजिमेन्ट धर्मशाला से वर्ष 2००7 में रिटायर हुआ था। सेना में रहते हुए उसकी पोस्टिंग मेरठ में रही। यहां उसकी मुलाकात करणपाल व उसके साले वीरेन्द्र मलिक से हुई। फिर इनके बीचे अच्छे सम्बन्ध हो गये। रिटायर होने के बाद वह अपने घर जालंधर आ गया। इसी बीच करणपाल और उसके साले वीरेन्द्र मलिक ने उसे गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (जीआईपीएल) कम्पनी, नोएडा के बारे  में बताया। उन्होंने इस कम्पनी से लोगों को जोड़ना बताया।

उन्होंने बताया कि उसके बाद इन लोगो को इस कम्पनी से जोड़ कर बाईक के नाम पर इन्वेस्टमेन्ट कराया। कम्पनी द्वारा 62,1०० रूपये प्रति बाईक इन्वेस्ट करवाया जाता था और इसके एवज में इन्वेस्टर को एक साल तक 98०० रूपये प्रतिमाह देने का वादा किया जाता था। इस प्रकार एक वर्ष में लगभग दोगुने मुनाफे का लालच देकर लोगों को फंसाया जाता था। एक व्यक्ति द्वारा तीन बाईक लगाये जाने पर, एक्स्ट्रा बोनस देने का भी लालच दिया जाता था।

इस तरह आरोपियों ने सैकड़ों लोगों को कम्पनी के साथ जोड़कर धोखाधड़ी की। इन्होंने 42०० करोड़ रुपये का घोटाला किया। इस काम में आरोपियों के और साथी शामिल थे। वर्ष 2०18 में संजय भाटी ने कम्पनी का डायरेक्टर करणपाल को बनाकर साईिंनग अथॉरिटी दे दिया। इसके बाद 2०19 में ये लोग कम्पनी बन्द कर फरार हो गये थे। गौरतलब है कि इस कंपनी के मालिक संजय भाटी समेत कई आरोपियों को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

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