बिमटेक और चंडीगढ़ गर्ल्स कॉलेज ने विश्व पुस्तक दिवस पर वर्चुअल सम्मेलन किया, देश और दुनिया के 5000 लोग शामिल हुए

बिमटेक और चंडीगढ़ गर्ल्स कॉलेज ने विश्व पुस्तक दिवस पर वर्चुअल सम्मेलन किया, देश और दुनिया के 5000 लोग शामिल हुए

बिमटेक और चंडीगढ़ गर्ल्स कॉलेज ने विश्व पुस्तक दिवस पर वर्चुअल सम्मेलन किया, देश और दुनिया के 5000 लोग शामिल हुए

Tricity Today | Dr Harivansh Chaturvedi

विश्व पुस्तक दिवस पुस्तकों, लेखकों और चित्रकारों का उत्सव है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पढ़ने का उत्सव है। यह दिवस प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल को मनाया जाता है। जिसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) पढ़ने, प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने के लिए आयोजित करता है।

गुरुवार को प्रबन्धन शिक्षा के अग्रणी संस्थान ग्रेटर नोएडा के बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (BIMTECH), चंडीगढ़ सेक्टर-42 के पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स और रंगनाथन सोसाइटी फॉर सोशल वेलफेयर एंड लाइब्रेरी डेवलपमेंट के सहयोग से "जीवन पर पुस्तकों के मूल्य" विषय पर एक वर्चुअल सम्मेलन आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन में 9 वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। बिमटेक के निदेशक डॉ हरिवंश चतुर्वेदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "आज की स्थिति में किताबें बहुत महत्वपूर्ण हैं।" उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्व पुस्तक दिवस बड़ा ही उत्साह पैदा करता है। मिनियापोलिस एमएन, यूएसए की गीतांजलि मित्तल ने अपने जीवन की व्यक्तिगत यात्रा को साझा किया और प्रतिभागियों को बताया कि जीवन के हर क्षेत्र में किताबों ने उनकी मदद कैसे की। इंटरनेशनल शूटर अंजुम मौदगिल ने बताया कि कैसे किताबें स्पोर्ट्स पर्सन के तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करती हैं। 

स्टैंड-अप कॉमेडियन प्रताप फौजदार ने अपनी बातों से सभी को हंसाया। उन्होंने साझा किया कि कैसे किताबें पढ़ने से जीवन को आनंदमय और आसान बनाया जा सकता है। परमिला वाजपेयी, जो एक महिला कार्यकर्ता हैं, ने इस बात पर जोर दिया कि पढ़ना उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है, जो अपनी परिस्थितियों से बहुत घबराए हुए हैं और वे अपने जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं। 

एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जेएस राजपूत ने कहा कि लोगों को अच्छे कामों को प्रबंधित करने और हर कार्य को संभालने के लिए किताबें पढ़नी चाहिए। डॉ नरेंद्र नाथ लाहा जो पेशे से डॉक्टर हैं, उन्होंने कहा कि जो लोग किताबें पढ़ते हैं, वे हमेशा सकारात्मक रहते हैं। क्योंकि, वे बातें हमेशा उनके अवचेतन मन में रहती है, जो अच्छी बातें किताबों में पढ़ी हैं। उन्होंने शब्दकोश के उपयोग पर जोर दिया। 

पूर्व विश्वविद्यालय लाइब्रेरियन डॉ डीवी सिंह ने सुझाव दिया कि हर किसी को रोजाना कम से कम 20 पेज पढ़ने चाहिए। इस तरह एक महीने में कम से कम एक किताब और साल में 12 किताबें पढ़ सकते हैं। अतिरिक्त आईजी डॉ शरद कुलश्रेष्ठ आईपीएस ने कहा, कैसे अच्छे नागरिक बनाने में किताबें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। सत्र 5000 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा देखे गए। संगोष्ठी की प्रतिभागियों ने बहुत प्रशंसा की और सभी सत्र बहुत इंटरैक्टिव थे। आयोजन टीम में बिमटेक के चीफ लाइब्रेरियन डॉ ऋषि तिवारी और चंडीगढ़ गर्ल्स कॉलेज की लाइब्रेरियन डॉ प्रीति शारदा शामिल थे।

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