ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटीज में मेड इन चाइना का बहिष्कार, बाजार में लगे पोस्टर और सामान की लिस्ट चस्पा

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटीज में मेड इन चाइना का बहिष्कार, बाजार में लगे पोस्टर और सामान की लिस्ट चस्पा

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटीज में मेड इन चाइना का बहिष्कार, बाजार में लगे पोस्टर और सामान की लिस्ट चस्पा

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटीज में मेड इन चाइना का बहिष्कार

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सैन्य झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के बाद पूरे देश में चीन के खिलाफ गुस्सा और नाराजगी है। चीन को सबक सिखाने के लिए देश में "बॉयकॉट मेड इन चाइना" की मुहिम तेज हो गई है। इसी बीच ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्प्रिंग मीडोज, ला रेसिडेंसिया, निराला एस्टेट और अन्य सोसायटी के निवासियों ने सभी दुकानदारों व आसपास रह रहे निवासियों में जागरूकता अभियान चलाया। लोगों ने कहा हमें चीनी सामान की खरीददारी नहीं करनी है। वहीं, दुकानदारों को बताया कि मेड इन चाइना के सामान को ना बेचें। 

मार्केट और सोसायटी के बाहर जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं। जिसमें साफ तौर पर चीनी सामान का वहिष्कार करने की बात लिखी है। श्याम, सुमित बैसोया, कुमार सौरभ, विकाश कटियार, अमित शर्मा, सागर गुप्ता, रंजन प्रसाद, प्रवीण चौहान, शशिकांत, सुहैल और सुबीर आदि लोगों ने रविवार को यह अभियान चलाया है। सूची में शामिल उत्पादों में खिलौने, कपड़े, वस्त्र, परिधान, रोजमर्रा की वस्तुएं, रसोई के सामान, फर्नीचर, हार्डवेयर, जूते, हैंडबैग, सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सौंदर्य प्रसाधन और उपहार की वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक्स, घड़ियां, रत्न और आभूषण, स्टेशनरी, कागज, घरेलू वस्तु शामिल हैं। , स्वास्थ्य उत्पादों, ऑटो पार्ट्स जैसे प्रॉडक्ट्स भी शामिल हैं।

ला रेसीडेंसीया निवासी सुमित बैसोया का कहना है कि चीन को जवाब देने के लिए हमें केवल सरकार पर न निर्भर रहकर, नागरिक स्तर पर जो कुछ हो सकता है, वह करना चाहिए। उससे ज्यादा खतरनाक चीन के लिए कुछ भी नहीं है। इससे चीन कि अर्थव्यवस्था खुद ही चरमरा जाएगी। 

सुमित बैसोया का कहना है कि सीमा पर चीन की इस कायराना हरकत को लेकर स्थानीय निवासियों में बेहद गुस्सा और नाराजगी है। लोग सीमा पर सैनिकों के शहीद होने से सदमे में हैं। वह कहते हैं कि अब जब सीमा (एलएसी) पर हिंसक झड़प होने लगी हैं तो शायद देश के लोग अपनी जिम्मेदारी भी समझेंगे। अब चीन को करारा जवाब देने के लिए सिर्फ सेना पर छोड़ देने से काम नहीं चलेगा। हम सभी को मिलकर "मेड इन चाइना" का वहिष्कार करना होगा।

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